सूचना का अधिकार अधिनियम २००५
धारा १९ :
अपील :
१) ऐसा कोई व्यक्ति, जिसे धारा ७ की उपधारा (१) या उपधारा (३) के खंड (क) में विनिर्दिष्ट समय के भीतर कोई विनिश्चय प्राप्त नहीं हुआ है या जो, यथास्थिति, केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी या राज्य लोक सूचना अधिकारी के किसी विनिश्चय से व्यथित है, उस अवधि की समाप्ति से या ऐसे किसी विनिश्चय की प्राप्ति से तीस दिन के भीतर एसे अधिकारी को अपील कर सकेगा, जो प्रत्येक लोक प्राधिकरण में, यथास्थिति, केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी या राज्य लोक सूचना अधिकारी की पंक्ति से ज्येष्ठ पंक्ति का है :
परन्तु ऐसा अधिकारी, तीस दिन की अवधि की समाप्ति के पश्चात् अपील को ग्रहण कर सकेगा, यदि उसका यह समाधान हो जाता है कि अपीलार्थी समय पर अपील फाईल करने में पर्याप्त कारण से निवारित किया गया था ।
२) जहां अपील धारा ११ के अधीन, यथास्थिति, किसी केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी या किसी राज्य लोक सूचना अधिकारी द्वारा पर व्यक्ति की सूचना प्रकट करने के लिए किए गए किसी आदेश के विरुद्ध की जाती है वहां संबंधित पर व्यक्ति द्वारा अपील, उस आदेश की तारीख से तीस दिन के भीतर की जाएगी ।
३) उपधारा (१) के अधीन विनिश्चय के विरुद्ध दूसरी अपील उस तारीख से, जिसको विनिश्चय किया जाना चाहिए था या वास्तव में प्राप्त किया गया था, नब्बे दिन के भीतर केन्द्रीय सूचना आयोग या राज्य सूचना आयोग को होगी :
परन्तु यथास्थिति, केन्द्रीय सूचना आयोग या राज्य सूचना आयोग नब्बे दिन की अवधि की समाप्ति के पश्चात् अपील को ग्रहण कर सकेगा, यदि उसका यह समाधान हो जाताहै कि अपीलार्थी समय पर अपील फाइल करने से पर्याप्त कारण से निवारित किया गया था ।
४) यदि, यथास्थिति, केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी या राज्य लोक सूचना अधिकारी का विनिश्चय, जिसके विरुद्ध अपील की गई है, पर व्यक्ति की सूचना से संबंधित है तो यथास्थिति, केन्द्रीय सूचना आयोग या राज्य सूचना आयोग उस पर व्यक्ति को सुनवाई का युक्तियुक्त अवसर देगा ।
५) अपील संबंधी किन्ही कार्यवाहियों में यह साबित करने का भार कि अनुरोध को अस्वीकार करना न्यायोचित था, यथास्थिति, केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी या राज्य लोक सूचना अधिकारी पर, जिसने अनुरोध से इंकार किया था, होगा ।
६) उपधारा (१) या उपधारा (२) के अधीन किसी अपील का निपटारा, लेखबद्ध किए जाने वाले कारणों से, अपील की प्राप्ति के तीस दिन से भीतर या ऐसी विस्तारित अवधि के भीतर, जो उसके फाईल किए जाने की तारीख से कुल पैतालीस दिन से अधिक न हो, किया जाएगा ।
७) यथास्थिति, केन्द्रीय सूचना आयोग या राज्य सूचना आयोग का विनिश्चय आबद्धकर होगा ।
८) अपने विनिश्चय में, यथास्थिति, केन्द्रीय सूचना आयोग या राज्य सूचना आयोग को निम्नलिखित की शक्ति है-
(a) क) लोक प्राधिकरण से ऐसे उपाय करने की अपेक्षा करना, जो इस अधिनियम के उपबंधो का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक हो, जिनके अंतर्गत निम्नलिखित भी है :-
एक) सूचना तक पहुंच उपलब्ध कराना, यदि विशिष्ट प्ररुप में ऐसा अनुरोध किया गया है ;
दो) यथास्थिति, केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी या राज्य लोक सूचना अधिकारी को नियुक्त करना ;
तीन) कतिपय (कुछ) सूचना या सूचना के प्रवर्गों को प्रकाशित करना;
चार) अभिलेखों के अनुरक्षण, प्रबंध और विनाश से संबंधित अपनी पद्धतियों में आवश्यक परिवर्तन करना;
पांच) अपने अधिकारियों के लिए सूचना के अधिकार के संबंध प्रशिक्षण के उपबंध को बढाना;
छह) धारा ४ की उपधारा (१) के खंड (ख) के अनुसरण में अपनी एक वार्षिक रिपोर्ट उपलब्ध कराना;
(b) ख) लोक प्राधिकारी से शिकायतकर्ता को, उसके द्वारा सहन की गई किसी हानि या अन्य नुकसान के लिए प्रतिूरित करने की अपेक्षा करना;
(c) ग) इस अधिनियम के अधीन उपबंधित शास्तियों में से कोई शास्ति अधिरोपित करना;
(d) घ) आवेदन को नामंजूर करना ।
९) यथास्थिति, केन्द्रीय सूचना आयोग या राज्य सूचना आयोग शिकायतकर्ता और लोक प्राधिकारी को, अपने विनिश्चय की, जिसके अंतर्गत अपील का कोई अधिकार भी है, सूचना देगा ।
१०) यथास्थिति, केन्द्रीय सूचना आयोग या राज्य सूचना आयोग, अपील का विनिश्चय ऐसी प्रक्रिया के अनुसार करेगा, जो विहित की जाए ।