Rti act 2005 धारा १५ : राज्य सूचना आयोग का गठन :

सूचना का अधिकार अधिनियम २००५
अध्याय ४ :
राज्य सूचना आयोग :
धारा १५ :
राज्य सूचना आयोग का गठन :
१) प्रत्येक राज्य सरकार राजपत्र में अधिसूचना द्वारा ——(राज्य का नाम) सूचना आयोग के नाम से ज्ञात एक निकाय का गठन करेगी, जो ऐसी शक्तियों का प्रयोग और ऐसे कृत्यों का पालन करेगा, जो उसे इस अधिनियम के अधीन सौंपे जाएं ।
२) राज्य सूचना आयोग निम्नलिखित से मिलकर बनेगा –
(a)क) राज्य मुख्य सूचना आयुक्त; और
(b)ख) दस से अनधिक उतनी संख्या में राज्य सूचना आयुक्त, जितने आवश्यक समझे जाएं ।
३) राज्य मुख्य सूचना आयुक्त और राज्य सूचना आयुक्तों की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा निम्नलिखित से मिलकर बनी किसी समिति की सिफारिश पर की जाएगी,-
एक) मुख्यमंत्री, जो समिति का अध्यक्ष होगा;
दो) विधान सभा में विपक्ष का नेता; और
तीन) मुख्यमंत्री द्वारा नामनिर्देशित किया जाने वाला मंत्रिमंडल का सदस्य ।
स्पष्टीकरण :
शंकाओं को दूर करने के प्रयोजनों के लिए यह घोषित किया जाता है कि जहां विधान सभा में विपक्षी दल के नेता को उस रुप में मान्यता नहीं दी गई है, वहां विधान सभा में सरकार के विपक्षी एकल सबसे बडे समूह के नेता को विपक्षी दल का नेता समझा जाएगा ।
४) राज्य सूचना आयोग के कार्यों का साधारण अधीक्षण, निदेशन और प्रबंध राज्य मुख्य सूचना आयुक्त में निहित होगा, जिसकी राज्य सूचना आयुक्तों द्वारा सहायता की जाएगी और वह सभी ऐसी शक्तियों का प्रयोग कर सकेगा और सभी ऐसे कार्य और बातें कर सकेगा जो राज्य सूचना आयोग द्वारा इस अधिनियम के अधीन किसी अन्य प्राधिकारी के निदेशों के अध्यधीन रहे बिना स्वतंत्र रुप से प्रयोग की जा सकती है या की जा सकती है ।
५) राज्य मुख्य सूचना आयुक्त और राज्य सूचना आयुक्त विधि, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, समाजसेवा, प्रबंध, पत्रकारिता,जनसंपर्क माध्यम या प्रशासन और शासन में व्यापक ज्ञान और अनुभव वाले समाज में प्रख्यात व्यक्ति होंगे ।
६) राज्य मुख्य सूचना आयुक्त या राज्य सूचना आयुक्त, यथास्थिति, संसद् का सदस्य या किसी राज्य या संघ राज्यक्षेत्र के विधान-मंडल का सदस्य नहीं होगा या कोई अन्य लाभ का पद धारण नहीं करेगा या किसी राजनीतिक दल से संबद्ध नहीं होगा या कोई कारबार नहीं करेगा या कोई वृत्ति नहीं करेगा ।
७) राज्य सूचना आयोग का मुख्यालय राज्य में ऐसे स्थान पर होगा, जिसे राज्य सरकार राजपत्र में अधिसूचना द्वारा विनिर्दिष्ट करे और राज्य सूचना आयोग, राज्य सरकार के पूर्व अनुमोदन से, राज्य में अन्य स्थानों पर अपने कार्यालय स्थापित कर सकेगा ।

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