घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम २००५
अध्याय १ :
प्रारंभिक :
धारा १ :
संक्षिप्त नाम, विस्तार और प्रारंभ :
(२००५ का अधिनियम संख्यांक ४३)
(१३ सितम्बर २००५)
ऐसी महिलाओं के, जो कुटुंब के भीतर होने वाली किसी प्रकार की हिंसा से पीडित है, संविधान के अधीन प्रत्याभूत अधिकारों के अधिकारों के अधिक प्रभावी संरक्षण और उससे संबंधित या उसके आनुषंगिक विषयों का उपबंध करने के लिए अधिनियम
भारतीय गणराज्य के छप्पनवें वर्ष में संसद् द्वारा निम्नलिखित रुप में यह अधिनियमित हो :-
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१) इस अधिनियम का संक्षिप्त नाम घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम २००५ है ।
२) इसका विस्तार १.(***) संपूर्ण भारत पर है ।
३) यह उस २.(तारीख) को प्रवृत्त होगा, जिसे केन्द्रीय सरकार, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा नियत करे ।
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१. २०१९ के अधिनियम सं० ३४ की धारा ९५ और पांचवी अनुसूची द्वारा (३१-१०-२०१९ से) जम्मू-कश्मीर राज्य के सिवाय शब्दों का लोप किया गया ।
२. ६ अक्तूबर २००६, भारत के राजपत्र (असाधारण) भाग २, अनुभाग ३(दो) की अधिसूचना सं० का० आ० १७७६(ई), तारीख १७-१०-२००६, द्वारा ।