घरेलू हिंसा अधिनियम २००५
धारा १४ :
परामर्श :
१) मजिस्ट्रेट, इस अधिनियम के अधीन कार्यवाहियों के किसी प्रक्रम पर, प्रत्यर्थी या व्यथित व्यक्ति को, अकेले या संयुक्तत: सेवा प्रदाता के किसी सदस्य से, जो परामर्श में ऐसी अर्हताएं और अनुभव रखता है, जो विहित की जाएं, परामर्श लेने का निदेश दे सकेगा ।
२) जहां मजिस्ट्रेट ने उपधारा (१) के अधीन कोई निदेश जारी किया है, वहां वह मामले की सुनवाई की अगली तारीख, दो मास से अनधिक अवधि के भीतर नियत करेगा ।