Posh act 2013 धारा २९ : समुचित सरकार की नियम बनाने की शक्ति :

Posh act 2013
धारा २९ :
समुचित सरकार की नियम बनाने की शक्ति :
१) केन्द्रीय सरकार, इस अधिनियम के उपबंधों को कार्यान्वित करने के लिए, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, नियम बना सकेगी।
२) विशिष्टतया और पूर्वगामी शक्ति की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना ऐसे नियम निम्नलिखित सभी विषयों या उनमें से किसी विषय के संबंध में उपबंध कर सकेंगे, अर्थात्;-
(a)क) धारा ४ की उपधारा (४) के अधीन सदस्यों को संदेय फीस या भत्ते;
(b)ख) धारा ७ की उपधारा (१) के खंड (ग) के अधीन सदस्यों का नामनिर्देशन;
(c)ग) धारा ७ की उपधारा (४) के अधीन अध्यक्ष और सदस्यों को संदेय फीस या भत्ते;
(d)घ) ऐसा व्यक्ति, जो धारा ९ की उपधारा (२) के अधीन परिवाद कर सकेगा;
(e)ङ) धारा ११ की उपधारा (१) के अधीन जांच की रीति;
(f)च) धारा ११ की उपधारा (२) के खंड (ग) के अधीन जांच करने की शक्तियां;
(g)छ) धारा १२ की उपधारा (१) के खंड (ग) के अधीन सिफारिश किए जाने वाला अनुतोष;
(h)ज) धारा १३ की उपधारा (३) के खंड (ळ) के अधीन कार्रवाई करने की रीति;
(i)झ) धारा १४ की उपधारा (१) और उपधारा (२) के अधीन कार्रवाई करने की रीति;
(j)त्र) धारा १७ के अधीन कार्रवाई करने की रीति;
(k)ट) धारा १८ की उपधारा (१) के अधीन अपील करने की रीति;
(l)ठ) धारा १९ के खण्ड (ग) के अधीन कर्मचारियों को सुग्राही बनाने के लिये कार्यशालाएं, जागरूकता कार्यक्रम और आंतरिक समिति के सदस्यों के लिये अभिविन्यास कार्यक्रम संचालित करने की रीति; और
(m)ड) धारा २१ की उपधारा (१) अधीन आंतरिक समिति और स्थानीय समिति द्वारा वार्षिक रिपोर्ट तैयार करने के लिए प्ररूप और समय।
३) केन्द्रीय सरकार द्वारा इस अधिनियम के अधीन बनाया गया प्रत्येक नियम, उसके बनाए जाने के पश्चात्, यथाशीघ्र संसद् के प्रत्येक सदन के समक्ष, जब वह सत्र में हो, कुल तीस दिन की अवधि के लिए उस सत्र के या पूर्वोक्त आनुक्रमिक सत्रों के ठीक बाद के सत्र के अवसान के पूर्व दोनों सदन उस नियम में कोई परिवर्तन करने के लिए सहमत हो जाएं या सहमत हो जाएं कि वह नियम नहीं बनाया जाना चाहिए तो तत्पश्चात् वह नियम, यथास्थिति, ऐसे परिवर्तित रूप में ही प्रभावी होगा या निष्प्रभाव हो जाएगा; किंतु तथापि, नियम के इस प्रकार परिवर्तित या निष्प्रभाव होने से उसके अधीन पहले की गई किसी बात की विधिमान्यता पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं प‹डेगा।
४) किसी राज्य सरकार द्वारा धारा ८ की उपधारा (४) के अधीन बनाया गया कोई नियम, उसके बनाए जाने के पश्चात्, यथासंभव शीघ्र, राज्य विधान-मंडल के, जहां उसके दो सदन हैं, वहां प्रत्येक सदन के समक्ष या जहां उसका केवल एक सदन है, वहां उस सदन के समक्ष रखा जाएगा।

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