Posh act 2013
धारा १४ :
मिथ्या या द्वेषपूर्ण परिवाद और मिथ्या साक्ष्य के लिए दंड :
१) जहां, यथास्थिति, आंतरिक समिति या स्थानीय समिति इस निष्कर्ष पर पहुंचती है कि प्रत्यर्थी के विरूद्ध अभिकथन द्वेषपूर्र है अथवा व्यथित महिला या परिवाद करने वाले किसी अन्य व्यक्ति ने परिवाद को मिथ्या होना जातने हुए किया है अथवा व्यथित महिला या परिवाद करने वाले किसी अन्य व्यक्ति ने कोई कूटरचित या भ्रामक दस्तावेज पेश किया है तो वह, यथास्थिति, नियोजक या जिला अधिकारी को उस महिला या व्यक्ति के विरूद्ध, जिसने, यथास्थिति, धारा ९ की उपधारा (१) या उपधारा (२) के अधीन परिवाद किया है, उसे लागू सेवा नियमों के उपबंधों के अनुसार या जहां ऐसे सेवा नियम विद्यमान नहीं है, वहां ऐसी रीति में, जो विहित की जाए, कार्रवाई करने की सिफारिश कर सकेगी :
परंतु किसी परिवाद को सिद्ध करने या पर्याप्त सबूत उपलब्ध कराने में मात्र असमर्थता, इस धारा के अधीन परिवादकर्ता के विरूद्ध कार्रवाई को आकर्षित नहीं करेगी :
परंतु यह और कि किसी कार्रवाई की सिफारिश किए जाने से पूर्व, विहित प्रक्रिया के अनुसार जांच किए जाने के पश्चात् परिवादकर्ता की ओर से द्वेषपूर्ण आशय सिद्ध किया जाएगा।
२) जहां, यथास्थिति, आंतरिक समिति या स्थानीय इस निष्कर्ष पर पहुंचती है कि जांच के दौरान किसी साक्षी ने मिथ्या साक्ष्य दिया है या कोई कूटरचित या भ्रामक दस्तावेज पेश किया है, वहां वह, यथास्थिति, साक्षी के नियोजक या जिला अधिकारी को, उक्त साक्षी को लागू सेवा नियमों के उपबंधों के अनुसार या जहां ऐसे सेवा नियम विद्यमान नहीं हैं, वहां ऐसी रीति में, जो विहित की जाए, कार्रवाई करने की सिफारिश कर सकेगी।