Pocso act 2012 धारा ३४ : बालक द्वारा अपराध किए जाने और विशेष न्यायालय द्वारा आयु का अवधारण करने के मामले में प्रक्रिया।

लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम २०१२
धारा ३४ :
बालक द्वारा अपराध किए जाने और विशेष न्यायालय द्वारा आयु का अवधारण करने के मामले में प्रक्रिया।
१) जहां इस अधिनियम के अधीन कोई अपराध, किसी बालक द्वारा किया जाता है वहां ऐसे बालक पर १.(किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम, २०१५) के उपबंधों के अधीन कारवाई की जाएगी। (२०१६ का ०२)
२) यदि विशेष न्यायालय के समक्ष किसी कार्यवाही में इस संबंध में कोई प्रश्न उठता है कि कोई व्यक्ति बालक है या नहीं तो ऐसे प्रश्न का अवधारण विशेष न्यायालय द्वारा ऐसे व्यक्ति की आयु के बारे में स्वयं का समाधान करने के पश्चात् किया जाएगा और वह ऐसे अवधारण के लिए उसके कारणों को लेखबद्ध करेगा।
३) विशेष न्यायालय द्वारा किया गया कोई आदेश केवल पश्चात्वर्ती सबूत के कारण अविधिमान्य नहीं समझा जाएगा कि उपधारा (२) के अधीन उसके द्वारा यथा अवधारित किसी व्यक्ति की आयु उस व्यक्ति की सही आयु नहीं थी।
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१. सन २०१९ का २५ धारा ९ द्वारा किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम, २००० इन शब्दों के स्थान पर प्रतिस्थापित ।

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