लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम २०१२
धारा ३० :
आपराधिक मानसिक दशा की उपधारणा। :
१) इस अधिनियम के अधीन किसी अपराध के लिए किसी अभियोजन में, जो अभियुक्त की ओर से आपराधिक मानसिक स्थिति की अपेक्षा करता है, विशेष न्यायालय ऐसी मानसिक दशा की विद्यमानता की उपधारणा करेगा, किन्तु अभियुक्त के लिए यह तथ्य साबित करने के लिए प्रतिरक्षा होगी कि उस अभियोजन में किसी अपराध के रूप में आरोपित कृत्य के संबंध में उसकी ऐसी मानसिक दशा नहीं थी।
२) इस धारा के प्रयोजनों के लिए किसी तथ्य का साबित किया जाना केवल तभी कहा जाएगा जब विशेष न्यायालय उसके युक्तियुक्त संदेह से परे विद्यामान होने पर विश्वास करता है और केवल तब नही जब इसकी विद्यमानता संभाव्यता की प्रबलता द्वारा स्थापित होती है।
स्पष्टीकरण
इस धारा में आपराधिक मानसिक दशा के अंतर्गत आशय, हेतुक, किसी तथ्य का ज्ञान और किसी तथ्य में विश्वास या विश्वास किए जाने का कारण भी है।