लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम २०१२
अध्याय ४ :
दुष्प्रेरण और किसी अपराध को कारित करने का प्रयास :
धारा १६ :
किसी अपराध का दुष्प्रेरण।
कोई व्यक्ति किसी अपराध के किए जाने का दुष्प्रेरण करता हे, जो –
पहला – उस अपराध को करने के लिए किसी व्यक्ति को उकसाता है; अथवा
दुसरा – उस अपराध को करने के लिए किसी षड्यंत्र में एक या अधिक अन्य व्यक्ति या व्यक्तियों के साथ सम्मिलित होता है, यदि उस षड्यंत्र के अनुसरण में, और उस अपराध को करने के उद्देश से, कोई कार्य या अवैध लोप घटित हो जाए; अथवा
तीसरा – उस अपराध के लिए किए जाने में किसी कार्य या अवैध लोप द्वारा साशय सहायता करता है।
स्पष्टीकरण१
कोई व्यक्ति जो जानबूझकर दुव्र्यपदेशन द्वारा या तात्विक तथ्य, जिसे प्रकट करने के लिए वह आबद्ध है, जानबूझकर छिपाने द्वारा, स्वेच्छाया किसी अपराध का किया जाना कारित या उपाप्त करता है अथवा कारित या उपाप्त करने का प्रयत्न करता है, वह उस अपराध का किया जाना उकसाता है, यह कहा जाता है।
स्पष्टीकरण २
जो कोई या तो किसी कार्य के किए जाने से पूर्व या किए जाने के समय, उस कार्य के किए जाने को सुकर बनाने के लिए कोई कार्य करता है और तद्द्वारा उसके किए जाने को सुकर बनाता है, वह उस कार्य के करने में सहायता करता है, यह कहा जाता है।
स्पष्टीकरण ३
जो कोई किसी बालक को इस अधिनियम के अधीन किसी अपराध के प्रयोजन के लिए धमकी या बल प्रयोग या प्रपी‹डन के अन्य रूप, अपहरण, कपट, प्रवंचना, शक्ति या स्थिति के दुरूपयोग, भेद्यता या संदायों को देने या प्राप्त करने या अन्य व्यक्ति पर नियंत्रण रखने वाले किसी व्यक्ति की सहमति प्राप्त करने के लिए ङ्कायदों के माध्यम से नियोजित करता है, आश्रय देता है या उसे प्राप्त या परिवाहित करता है, उस कार्य के करने में सहायता करता है, यह कहा जाता है।