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Phra 1993 धारा २१ : राज्य मानव अधिकार आयोगों का गठन :

मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम १९९३
अध्याय ५ :
राज्य मानव अधिकार आयोग :
धारा २१ :
राज्य मानव अधिकार आयोगों का गठन :
(१) कोई राज्य सरकार, इस अध्याय के अधीन राज्य आयोग को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करने के लिए और सौंपे गए कृत्यों का पालन करने के लिए एक निकाय का गठन कर सकेगी जिसका नाम….(राज्य का नाम) मानव अधिकार आयोग होगा।
१.(२) राज्य आयोग ऐसी तारीख से, जो राज्य सरकार अधिसूचना द्वारा विनिर्दिष्ट करे, निम्नलिखित से मिलकर बनेगा, अर्थात :-
(a)(क) एक अध्यक्ष, जो किसी उच्च न्यायालय का २.(मुख्य न्यायमूर्ति या न्यायाधीश) रहा है;
(b)(ख) एक सदस्य, जो किसी उच्च न्यायालय का न्यायाधीश है या रहा है, या राज्य में जिला न्यायालय का न्यायाधीश है या रहा है, और जिसे जिला न्यायाधीश के रूप में कम से कम सात वर्ष का अनुभव है;
(c)(ग) एक सदस्य, जो ऐसे व्यक्तियों में से नियुक्त किया जाएगा जिन्हें मानव अधिकारों से संबंधित विषयों का ज्ञान या व्यावहारिक अनुभव है।)
(३) एक सचिव होगा, जो राज्य आयोग का मुख्य कार्यपालक अधिकारी होगा और वह राज्य आयोग की २(अध्यक्ष के नियंत्रण के अधीन रहते हए राज्य आयोग की सभी प्रशासनिक और वित्तीय शक्तियों का प्रयोग करेगा) ।
(४) राज्य आयोग का मुख्यालय ऐसे स्थान पर होगा जो राज्य सरकार, अधिसूचना द्वारा, विनिर्दिष्ट करे ।
(५) कोई राज्य आयोग केवल संविधान की सातवीं अनुसूची की सूची २ और सूची ३ में प्रगणित प्रविष्टियों में से किसी से संबंधित विषयों की बात मानव अधिकारों के अतिक्रमण किए जाने की जांच कर सकेगा:
परन्तु यदि किसी ऐसे विषय के बारे में आयोग द्वारा या तत्समय प्रवृत्त किसी विधि के अधीन सम्यक रूप से गठित किसी अन्य आयोग द्वारा पहले से ही जांच की जा रही है तो राज्य आयोग उक्त विषय के बारे में जांच नहीं करेगा:
परन्तु यह और कि जम्मू-कश्मीर मानव अधिकार आयोग के संबंध में, यह उपधारा ऐसे प्रभावी होगी मानो केवल संविधान की सातवीं अनुसूची की सूची २ और सूची ३ में प्रगणित प्रविष्टियों में से किसी से संबंधित विषयों की बाबत शब्द और अंकों के स्थान पर जम्मू-कश्मीर राज्य को यथा लागू संविधान की सातवीं अनुसूची की सूची ३ में प्रगणित प्रविष्टियों में से किसी से संबंधित विषयों की बाबत और उन विषयों की बाबत जिनके संबंध में उस राज्य के विधान-मंडल को विधियां बनाने की शक्ति है शब्द और अंक रख दिए गए हों।
१.(६) दो या दो से अधिक राज्य सरकार, राज्य आयोग के अध्यक्ष या सदस्य की सहमति से, यथास्थिति, ऐसे अध्यक्ष या सदस्य को साथ-साथ अन्य राज्य आयोग का सदस्य नियुक्त कर सकेंगी यदि ऐसा अध्यक्ष या सदस्य ऐसी नियुक्ति के लिए सहमति देता है :
परन्तु उस राज्य की बाबत जिसके लिए, यथास्थिति, सामान्य अध्यक्ष या सदस्य या दोनों नियुक्त किए जाने हैं इस धारा के अधीन की गई प्रत्येक नियुक्ति धारा २२ की उपधारा (१) में निर्दिष्ट समिति की सिफारिशें अभिप्राप्त करने के पश्चात की जाएगी।)
३.(७) धारा १२ के उपबंधों के अधीन रहते हुए केंद्रीय सरकार, संघ राज्यक्षेत्र दिल्ली से भिन्न संघ राज्यक्षेत्रों द्वारा निर्वहन किए जा रहे मानव अधिकारों से संबंधित कृत्यों को आदेश द्वारा ऐसे राज्य आयोग को सौंप सकेगी।
(८) दिल्ली संघ राज्यक्षेत्र की दशा में मानव अधिकारों से संबंधित कृत्यों के संबंध में आयोग द्वारा कार्यवाही की जाएगी ।)
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१. २००६ के अधिनियम सं०४३ की धारा १२ द्वारा प्रतिस्थापित।
२. २०१९ के अधिनियम सं० १९ की धारा ५ द्वारा प्रतिस्थापित ।
३. २०१९ के अधिनियम सं० १९ की धारा ५ द्वारा अंत:स्थापित ।

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