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Phra 1993 धारा १४ : अन्वेषण :

मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम १९९३
धारा १४ :
अन्वेषण :
(१) आयोग, जांच से संबंधित कोई अन्वेषण करने के प्रयोजन के लिए, यथास्थिति, केन्द्रीय सरकार या किसी राज्य सरकार की सहमति से केन्द्रीय सरकार या उस राज्य सरकार के किसी अधिकारी या अन्वेषण अभिकरण की सेवाओं का उपयोग कर सकेगा।
(२) जांच से संबंधित किसी विषय का अन्वेषण करने के प्रयोजन के लिए कोई ऐसा अधिकारी या अभिकरण, जिसकी सेवाओं का उपधारा (१) के अधीन उपयोग किया जाता है, आयोग के निदेशन और नियंत्रण के अधीन रहते हुए,-
(a)(क) किसी व्यक्ति को समन कर सकेगा और हाजिर करा सकेगा तथा उसकी परीक्षा कर सकेगा;
(b)(ख) किसी दस्तावेज को प्रकट और पेश किए जाने की अपेक्षा कर सकेगा; और
(c)(ग) किसी कार्यालय से किसी लोक अभिलेख या उसकी प्रतिलिपि की अपेक्षा कर सकेगा।
(३) धारा १५ के उपबंध किसी ऐसे अधिकारी या अभिकरण के समक्ष जिसकी सेवाओं का उपधारा (१) के अधीन उपयोग किया जाता है किसी व्यक्ति द्वारा किए गए किसी कथन के संबंध में वैसे ही लागू होंगे जैसे वे आयोग के समक्ष साक्ष्य देने के अनुक्रम में किसी व्यक्ति द्वारा किए गए किसी कथन के संबंध में लागू होते हैं।
(४) जिस अधिकारी या अभिकरण की सेवाओं का उपयोग उपधारा (१) के अधीन किया जाता है वह जांच से संबंधित किसी विषय का अन्वेषण करेगा और उस पर आयोग को ऐसी अवधि के भीतर, जो आयोग द्वारा इस निमित्त विनिर्दिष्ट की जाए, रिपोर्ट देगा।
(५) आयोग, उपधारा (४) के अधीन उसे दी गई रिपोर्ट में कथित तथ्यों के और निकाले गए निष्कर्षों के, यदि कोई हों, सही होने के बारे में अपना समाधान करेगा और इस प्रयोजन के लिए आयोग ऐसी जांच जिसके अंतर्गत उस व्यक्ति की या उन व्यक्तियों की परीक्षा है, जिसने या जिन्होंने अन्वषेण किया हो या उसमें सहायता की हो, कर सकेगा, जो वह ठीक समझे।

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