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Pcr act धारा १६ख : नियम बनाने की शक्ति :

सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम १९५५
धारा १६ख :
नियम बनाने की शक्ति :
(१) केन्द्रीय सरकार, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, इस अधिनियम के उपबन्धों का पालन करने के लिए, नियम बना सकेगी।
(२) इस अधिनियम के अधीन केन्द्रीय सरकार द्वारा बनाया गया प्रत्येक नियम, बनाए जाने के पश्चात यथाशीघ्र, संसद् के प्रत्येक सदन के समक्ष, जब वह सत्र में हो, कुल तीस दिन की अवधि के लिए रखा जाएगा। यह अवधि एक सत्र में अथवा दो या अधिक आनुक्रमिक सत्रो में पूरी हो सकेगी। यदि उस सत्र के, या पूर्वोक्त आनुक्रमिक सत्रों के ठीक बाद के सत्र के अवसान के पूर्व दोनों सदन उस नियम में कोई परिवर्तन करने के लिए सहमत हो जाएं, तो तत्पश्चात वह ऐसे परिवर्तित रूप से ही प्रभावी होगा । यदि उक्त अवसान के पूर्व दोनों सदन सहमत हो जाएं कि वह नियम नहीं बनाया जाना चाहिए, तो तत्पश्चात वह निष्प्रभाव हो जाएगा किन्तु नियम के ऐसे परिवर्तित या निष्प्रभाव होने से उसके अधीन पहले की गई किसी बात की विधिमान्यता पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।)
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१.१९७६ के अधिनियम सं० १०६ की धारा १८ द्वारा (१९-११-१९७६ मे) अन्त:स्थापित ।

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