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Pcr act धारा १५ : १.(अपराध संज्ञेय और संक्षेपत: विचारणीय होंगे :

सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम १९५५
धारा १५ :
१.(अपराध संज्ञेय और संक्षेपत: विचारणीय होंगे :
(१) दण्ड प्रक्रिया संहिता, १९७३ (१९७४ का २) में किसी बात के होते हुए भी इस अधिनियम के अधीन दण्डनीय हर अपराध संज्ञेय होगा और ऐसे हर अपराध पर सिवाय उसके जो कम से कम तीन मास से अधिक अवधि के कारावास से दण्डनीय है, प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्टड्ढेट या महानगर क्षेत्र में महानगर मजिस्टड्ढेट द्वारा उक्त संहिता में विनिर्दिष्ट प्रक्रिया के अनुसार संक्षेपत: विचार किया जा सकेगा।
(२) दण्ड प्रक्रिया संहिता, १९७३ (१९७४ का २) में किसी बात के होते हुए भी, जब किसी लोक सेवक के बारे में यह अभिकथित है कि उसने इस अधिनियम के अधीन दण्डनीय किसी अपराध के दुष्प्रेरण का अपराध अपने पदीय कर्तव्यों के निर्वहन में कार्य करते हुए या कार्य करना तात्पर्यित करते हुए, किया है तब कोई भी न्यायालय ऐसे दुष्प्रेरण के अपराध का संज्ञान,-
(a)(क) संघ के कार्यों के सम्बन्ध में नियोजित व्यक्ति की दशा में, केन्द्रीय सरकार की; और
(b)(ख) किसी राज्य के कार्यों के सम्बन्ध में नियोजित व्यक्ति की दशा में उस राज्य सरकार की, पूर्व मंजूरी के बिना नहीं करेगा।)
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१.१९७६ के अधिनियम सं० १०६ की धारा १७ द्वारा (१९-११-१९७६ से) धारा १५ के स्थान पर प्रतिस्थापित ।

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