भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम १९८८
धारा ८ :
१.(किसी लोक सेवक को रिश्वत देने से संबंधित अपराध :
१) ऐसा कोई व्यक्ति जो, निम्नलिखित आशय से किसी अन्य व्यक्ति या अन्य व्यक्तियों को कोई असम्यक् लाभ देता है या देने का वचन करता है –
एक) किसी लोक सेवक को कोई लोक कर्तव्य अनुचित रुप से प्रेरित करने के लिए; या
दो) किसी लोक सेवक को इस प्रकार किसी लोक कर्तव्य को अनुचित रुप से किए जाने के लिए इनाम देने हेतु,
तो वह कारावास से, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी और जुर्माने से या दोनों से दंडनीय होगा :
परंतु इस धारा के उपबंध वहां लागू नहीं होंगे जहां कोई व्यक्ति ऐसा असम्यक् लाभ देने के लिए विवश हो :
परंतु यह और कि इस प्रकार विवश व्यक्ति ऐसा असम्यक् लाभ देने की तारीख से सात दिन की अवधि के भीतर इस मामले की रिपोर्ट विधि प्रवर्तन प्राधिकारी या अन्वेषण अभिकरण का देगा :
परंतु यह भी कि जहां इस धारा के अधीन अपराध किसी वाणिज्यिक संगठन द्वारा किया गया है वहां ऐसा वाणिज्यिक संगठन जुर्माने से दंडनीय होगा ।
दृष्टांत :
कोई व्यक्ति पी, लोक सेवक एस को, यह सुनिश्चित करने के लिए दस हजार की रकम देता है कि सभी बोली लगने वालों में से उसे अनुज्ञप्ति प्रदान की जाए । पी इस अपराध का दोषी है ।)
स्पष्टीकरण :
इस बात का कोई महत्व नहीं होगा कि वह व्यक्ति, जिसे असम्यक् लाभ दिया गया है या देने का वचन दिया गया है वही व्यक्ति है जिस व्यक्ति में संबंधित लाके कर्तव्य करना है या किया है और इस बात का भी कोई महत्व नहीं होगा कि ऐसा असम्यक् लाभ उस व्यक्ति को सीधे या किसी अन्य पक्षकार के माध्यम से पहुंचाया जाता है या पंहुचाने का वचन दिया जाता है ।
२) उपधारा (१) की कोई बात किसी ऐसे व्यक्ति को लागू नहीं होगी, यदि इस व्यक्ति ने किसी विधि का प्रवर्तन करने वाले प्राधिकारी या अन्वेषण अभिकरण को सूचना देने के पश्चात् विधि का प्रवर्तन करने वाले ऐसे प्राधिकारी या अन्वेषण अभिकरण को पश्चात्वर्ती के विरुद्ध अभिकथित अपराध से उसके अन्वेषण में सहायता करने के लिए किसी अन्य व्यक्ति को कोई असम्यक् लाभ देता है या देने का वचन देता है ।)
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१. सन २०१८ का अधिनियम क्रमांक १६ की धारा ४ द्वारा धारा ७, ८, ९ और १० के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
इस से पूर्व धारा निम्नलिखित नुसार थी ।
धारा ८ :
लोक सेवक पर भ्रष्ट या अवैध साधनों द्वारा असर डालने के लिए परितोषण का लेना :
जो कोई अपने लिए या किसी अन्य व्यक्ति के लिए किसी प्रकार का भी कोई परितोषण किसी लोक सेवक को, चाहे वह नामित हो या नहीं, भ्रष्ट या अवैध साधनों द्वारा इस बात के लिए उत्प्रेरित करने के लिए हेतु या इनाम के रूप में किसी व्यक्ति से प्रतिगृहीत या अभिप्राप्त करेगा या प्रतिगअहीत करने को सहमत होगा या अभिप्राप्त करने का प्रयत्न करेगा कि वह लोक सेवक कोई सेवक कोई पदीय कार्य करे या करने से प्रविरत रहे अथवा किसी व्यक्ति को अपने पदीय कृत्यों के प्रयोग में कोई अनुग्रह या अननुग्रह दिखाए अथवा या केंद्रीय सरकार या किसी राज्य सरकार में या संसद् या किसी राज्य के विधान -मंडल में या धारा २ के खंड (ग) में निर्दिष्ट किसी स्थानीय प्राधिकरण, निगम या सरकारी कंपनी में या किसी लोक सेवक के यहां चाहे वह नामित हो या नहीं किसी व्यक्ति का कोर्स उपकार या अपकार करे या करने का प्रयत्न करे, वह कारावास से, जिसकी अवधि १(तीन वर्ष) से कम नहीं होगी किंतु १(सात वर्ष) तक की हो सकेगी, और जुर्माने से भी, दंडित किया जाएगा ।