भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम १९८८
धारा ७क :
१.(भ्रष्ट या अविधिपूर्ण साधनों द्वारा या निजी प्रभाव का प्रयोग करके किसी लोक सेवक को प्रभावित करके असम्यक् लाभ लेना :
जो कोई, भ्रष्ट या अविधिपूर्ण साधनों द्वारा या निजी प्रभाव का प्रयोग करके किसी लोक सेवक को, स्वयं ऐसे लोक सेवक या किसी अन्य लोक सेवक द्वारा किसी कर्तव्य का कार्यपालन अनुचित रुप से या बेइमानी से करने या करवाने या ऐसे कर्तव्य के कार्यपालन को पूरा न करने या न करवाने के लिए उत्प्रेरित करने के लिए हेतु या इनाम के रुप में किसी अन्य व्यक्ति से स्वयं के लिए या किसी अन्य व्यक्ति के लिए कोई असम्यक् लाभ प्रतिगृहीत करता है या अभिप्राप्त करता है या अभिप्राप्त करने का प्रयास करता है, तो वह ऐसी अवधि के कारावास से जो तीन वर्ष से कम नहीं होगा किन्तु जो सात वर्ष का हो सकेगा, दंडनीय होगा और जुर्माने के लिए भी दायी होगा ।)
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१. सन २०१८ का अधिनियम क्रमांक १६ की धारा ४ द्वारा अंत:स्थापित ।