भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम १९८८
धारा ३० :
निरसन और व्यावृत्ति :
(१) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, १९४७ (१९४७ का २) और दंड विधि संशोधन अधिनियम, १९५२(१९५२ का ४६) निरसित किए जाते हैं ।
२) ऐसे निरसन के होते हुए भी, किंतु साधारण खंड अधिनियम, १८९७( १८९७ का १०) की धारा ६ के लागू होने पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना इस प्रकार निरसित अधिनियमों के अधीन या उनके अनुसरण में की गई या किए जाने के लिए तात्पर्यित कोई बात या कोई कार्रवाई जहां तक कि वह इस अधिनियम के उपबंधों से असंगत नहीं है, इस अधिनियम के तत्स्थानी उपबंधों के अधीन या उनके अनुसरण में की गई बात या कार्रवाई समझी जाएगी ।