पशुओं के प्रति क्रूरता का निवारण अधिनियम १९६०
धारा ५क :
१.(बोर्ड का पुनर्गठन :
(१) केन्द्रीय सरकार, इस दृष्टि से कि बोर्ड का अध्यक्ष और अन्य सदस्य एक ही तारीख तक पद धारण करें और उनकी पदावधियां उसी तारीख को समाप्त हों, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, बोर्ड का पशुओं के प्रति क्रूरता का निवारण (संशोधन) अधिनियम, १९८२ के प्रवृत्त होने के पश्चात, यथाशक्य शीघ्र, पुनर्गठन कर सकेगी।
(२) उपधारा (१) के अधीन पुनर्गठित बोर्ड, उपधारा (१) के अधीन अपने पुनर्गठन की तारीख से प्रत्येक तीसरे बर्ष के अवसान पर समय-समय पर पुनर्गठित किया जाएगा।
(३) उपधारा (१) के अधीन पुनर्गठित बोर्ड के सदस्यों में वे सभी व्यक्ति सम्मिलित किए जाएंगे जो उस तारीख के ठीक पहले.
जिसको ऐसा पुनर्गठन प्रभावशील होना है, बोर्ड के सदस्य हैं, किन्तु ऐसे व्यक्ति उस अवधि के, अनवसित भाग के लिए ही जिसके लिए वे, यदि ऐसा पुनर्गठन न किया गया होता तो, पद धारण करते, पद धारण करेंगे और उनके बोर्ड के सदस्य न रह जाने के परिणामस्वरूप पैदा होने वाली रिक्तियां इस प्रकार पुनर्गठित बोर्ड की अवशिष्ट कालावधि के लिए आकस्मिक रिक्तियों के रूप में भरी जाएंगी:
परन्तु इस उपधारा की कोई भी बात किसी ऐसे व्यक्ति के सम्बन्ध में लागू नहीं होगी जो पशुओं के प्रति क्रूरता का निवारण (संशोधन) अधिनियम, १९८२ की धारा ५ के खण्ड (क) के उपखंड (दो) द्वारा धारा ५ की उपधारा (१) में किए गए संशोधन के फलस्वरूप बोर्ड का सदस्य नहीं रह जाता है।)
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१. १९८२ के अधिनियम सं० २६ की धारा ६ द्वारा अंत:स्थापित।