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Ndps act धारा ६८-ण : अपील :

स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ अधिनियम १९८५
धारा ६८-ण :
अपील :
१) १.(धारा ६८-ङ की उपधारा (१) में निर्दिष्ट कोई अधिकारी या धारा ६८-च, धारा ६८-झ, धारा ६८-ट की उपधारा (१) या धारा ६८-ठ के अधीन सक्षम प्राधिकारी द्वारा किए गए किसी आदेश से व्यथित कोई व्यक्ति,) उस तारीख से जिसको आदेश उसे तामील की जाती है, पैतालीस दिन के भीतर अपील अधिकरण को अपील कर सकेगा :
परन्तु अपील अधिकरण, पूर्वोक्त तारीख से उक्त पैतालीस दिन की अवधि के पश्चात् किन्तु साठ दिन के अपश्चात्, अपील ग्रहण कर सकेगा यदि उसका समाधान हो जाता है कि अपीलार्थी समय से अपील फाइल न किए जाने के लिए पर्याप्त हेतुक से निवारित हुआ था ।
२) उपधारा (१) के अधीन अपील की प्राप्ति पर, अपील अधिकरण, अपीलार्थी को सुनवाइ का अवसर देने के पश्चात्, यदि वह ऐसी वांछा करता है, और ऐसी अतिरिक्त जांच करने के पश्चात् जो वह ठीक समझे, ऐसे आदेश को, जिसके विरुद्ध अपील की गई है, पुष्ट, उपांतरित या अपास्त कर सकेगा ।
३) अपील अधिकरण की शक्तियों का प्रयोग और कृत्यों का निर्वहन अपील अधिकरण के अध्यक्ष द्वारा गठित और तीन सदस्यों वाले न्यायपीठों द्वारा किया जा सकेगा ।
४) उपधारा (३) में किसी बात के होते हुए भी, जहां अध्यक्ष इस धारा के अधीन अपीलों को शीघ्र निपटाने के लिए ऐसा करना आवश्यक समझता है वहां दो सदस्यों का न्यायपीठ गठित कर सकेगा और इस प्रकार गठित न्यायपीठ अपील अधिकरण की शक्तियों का प्रयोग और कृत्यों का निर्वहन कर सकेगा :
परन्तु यदि इस प्रकार गठित न्यायपीठ के सदस्यों में किसी मुद्दे या मुद्दों पर मतभेत है तो वे उस मुद्दे या उन मुद्दों का उल्लेख करेंगे जिन पर उनमें मतभेद है और उसे या उन्हें, ऐसे मुद्दे या मुद्दों की सुनवाई के लिए (अध्यक्ष द्वारा विनिर्दिष्ट) एक तीसरे सदस्य को निर्देशित करेगें और ऐसा मुद्दा या ऐसे मुद्दे उस सदस्य की राय के अनुसार विनिश्चित किया जाएगा या किए जाएंगे :
२.(परन्तु यह और कि यदि अध्यक्ष की मृत्यु, त्यागपत्र के कारण या अन्यथा उसका पद रिक्त है या यदि अध्यक्ष अनुपस्थिति, बीमारी के कारण या किसी अन्य कारण से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में असमर्थ है तो केन्द्रीय सरकार, आदेश द्वारा किसी सदस्य को, नए अध्यक्ष की नियुक्ति किए जाने और, यथास्थिति, कार्यभार गअहण करने या अपने कर्तव्यों को ग्रहण करने तक, अध्यक्ष के रुप में कार्य करने के लिए नामनिर्देशित कर सकेगी ।)
५) अपील अधिकरण अपनी प्रक्रिया को स्वयं विनियमित कर सकेगा ।
६) अपील अधिकरण को आवेदन करने पर और विहित फीस का संदाय करने पर, अधिकरण किसी अपील के पक्षकार को या ऐसे पक्षकार द्वारा उसकी ओर से प्राधिकृत किसी व्यक्ति को कार्यालय के समय के दौरान किसी भी समय, अधिकरण के सुसंगत अभिलेखों और रजिस्टरों का निरीक्षण करने के लिए और उनके किसी भाग की प्रमाणित प्रतिलिपि प्राप्त करने के लिए अनुज्ञात कर सकेगा ।
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१. २००१ के अधिनियम सं.९ की धारा ३७ द्वारा प्रतिस्थापित ।
२. २०१४ के अधिनियम सं. १६ की धारा २३ द्वारा अंत:स्थापित ।

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