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Ndps act धारा ६८-ख : परिभाषाएं :

स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ अधिनियम १९८५
धारा ६८-ख :
परिभाषाएं :
इस अध्याय में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो, –
क) अपील अधिकरण से धारा ६८-ढ के अधीन गठित समपèहत सम्पत्ति अपील अधिकरण अभिप्रेत है;
ख) किसी ऐसे व्यक्ति के संबंध में, जिसकी सम्पत्ति इस अध्याय के अधीन समपèहत की जा सकती है, सहयुक्त से अभिप्रेत है-
एक) ऐसा कोई व्यक्ति जो ऐसे व्यक्ति के आवासिक परिसर में (जिसके अंतर्गत उपगृह भी है) रह रहा था या रह रहा है;
दो) ऐसा कोई व्यक्ति जो ऐसे व्यक्ति के कामकाज का प्रबंध करता था या कर रहा है अथवा लेखा रखता था या रख रहा है;
तीन) कंपनी अधिनियम, १९५६ (१९५६ का १) के अर्थ में कोई ऐसा व्यक्ति संगम, व्यष्टि-निकाय भागीदारी फर्म या प्राइवेट कंपनी, जिसका ऐसा व्यक्ति सदस्य, भागीदार या निदेशक रहा था या है;
चार) ऐसा कोई व्यक्ति जो उपखंड (तीन) में निर्दिष्ट किसी व्यक्ति संगम, व्यष्टि-निकाय, भागीदारी फर्म या प्राइवेट कंपनी का किसी भी समय तब सदस्य यहा था या है जब ऐसा व्यक्ति ऐसे संगम, निकाय, भागीदारी फर्म या प्राइवेट कंपनी का सदस्य, भागीदार या निदेशक रहा था या है;
पांच) ऐसा कोई व्यक्ति, जो उपखंड (तीन) में निर्दिष्ट किसी व्यक्ति संगम, व्यष्टि-निकाय, भागीदारी फर्म या प्राइवेट कंपनी के कामकाज का प्रबंध करता था या कर रहा है अथवा लेखा रखता था या रख रहा है;
छह) किसी न्याय का न्यासी, जहां –
एक) न्यास ऐसे व्यक्ति द्वारा सृष्ट किया गया है; या
दो) न्यास में ऐसे व्यक्ति द्वारा अभिदाय की गई आस्तियों का उस तारीख को, जिसकी आस्तियों का अभिदाय किया गया है, मूल्य (जिसके अंतर्गत उसके द्वारा पहले अभिदाय की गई आस्तियों का, यदि कोई है, मूल्य भी है) उस तारीख को न्याय की आस्तियों के मुल्य के बीस प्रतिशत से कम नहीं है;
सात) जहां सक्षम प्राधिकारी का उन कारणों से जो लेखबद्ध किए जाएंगे, यह विचार है कि ऐसे व्यक्ति की सम्पत्तियां किसी अन्य व्यक्ति द्वारा उसकी ओर से धारित की जाती है, वहां ऐसा अन्य व्यक्ति;
ग) सक्षम प्राधिकारी से केंद्रीय सरकार का कोर्स ऐसा अधिकारी अभिप्रेत है जो धारा ६८-घ के अधीन उसके द्वारा प्राधिकृत किया गया हो;
घ) छिपाया जाना से सम्पत्ति की प्रकृति, स्त्रोत, व्ययन, संचलन या स्वामित्व का छिपाया जाना या प्रच्छन्न किया जाना अभिप्रेत है और इसके अंतर्गत इलैक्ट्रानिक पारेषण द्वारा या किसी अन्य साधन द्वारा ऐसी सम्पत्ति का संचलन या संपरिवर्तन भी है;
ङ) रोक लगाना से धारा ६८-च के अधीन जारी किए किसी आदेश द्वारा सम्पत्ति के अंतरण, संपरिवर्तन, व्ययन या संचलन का अस्थायी तौर पर प्रतिषेध करना अभिप्रेत है;
च) पहचान करना के अंतर्गत यह सबूत स्थापित करना है कि सम्पत्ति अवैध व्यापार से प्राप्त हुई थी या उसमें उसका उपयोग किया गया था;
छ) किसी ऐसे व्यक्ति के संबंध में जिसे यह अध्याय लागू होता है, अवैध रुप से अर्जित सम्पत्ति से अभिप्रेत है –
एक) ऐसे व्यक्ति द्वारा इस अध्याय के प्रारंभ से पूर्व या उसके पश्चात् अर्जित कोई सम्पत्ति, जो १.(इस अधिनियम के किन्हीं उपबन्धों में) प्राप्त या अभिप्राप्त हुई है अथवा उससे हुई मानी जा सकने वाली किसी आय, उपार्जन या आस्तियों से या उनके द्वारा पूर्णत: या भागत: २.(अर्जित की गई है या ऐसी सम्पत्ति का समतुल्य मूल्य; या)
दो) ऐसे व्यक्ति द्वारा इस अध्याय के प्रारंभ के पूर्व या उसके पश्चात् अर्जित कोई सम्पत्ति, जो उपखंड (एक) में निर्दिष्ट किसी सम्पत्ति या ऐसी सम्पत्ति से हुई आय या उपार्जन से पूर्णत: या भागत: हुए माने गए किसी प्रतिफल के लिए या किसी भी साधन से २.(अर्जित की गई है या ऐसी सम्पत्ति का समतुल्य मूल्य; या)
३.(तीन) ऐसे व्यक्ति द्वारा, चाहे स्वापक ओषधि और मन:प्रभावी पदार्थ (संशोधन) अधिनियम, २०१४ के प्रारंभ से पूर्व या उसके पश्चात्, ऐसी किसी आय, उपार्जनों या आस्तियों से या द्वारा, जिसका स्त्रोत नहीं दिया जा सकता है, पूर्णत: या भागत: अर्जित कोई सम्पत्ति या ऐसी सम्पत्ति का समतुल्य मूल्य,)
और इसके अंतर्गत –
अ) ऐसे व्यक्ति द्वारा धारित ऐसी कोई सम्पत्ति है जो, उसके किसी पूर्ववर्ती धारक के सम्बन्ध में, यदि ऐसा पूर्ववर्ती धारक उसे धारण करने से प्रविरत नहीं हो जाता तो, इस खण्ड के अधीन अवैध रुप से अर्जित सम्पत्ति होती, जब तक कि ऐसा व्यक्ति या कोई ऐसा अन्य व्यक्ति, जिसने ऐसे पूर्ववर्ती धारक के पश्चात्, या जहां दो या अधिक ऐसे पूर्ववर्ती धारक है वहां ऐसे पूर्ववर्ती धारकों में से अंतिम धारक के पश्चात्, किसी समय सम्पत्ति धारित की थी, पर्याप्त प्रतिफल के लिए सद्भाविक अंतरिती न हो या था ;
आ) ऐसे व्यक्ति द्वारा इस अध्याय के प्रारंभ के पूर्व या उसके पश्चात् अर्जित ऐसी कोई सम्पत्ति, जो मद (अ) के अंतर्गत आने वाली किस सम्पत्ति से या उससे हुई आय या उपार्जन से पूर्णत: या भागत: हुए माने गए किसी प्रतिफल के लिए या किसी भी साधन से अर्जित की गई है;
२.(ज) सम्पत्ति से प्रत्येक वर्णन की कोई सम्पत्ति या अस्तियां, चाहे शाश्वत या अशाश्वत, जंगम या स्थावर, मूर्त या अमूर्त हों या नही, चाहे कहीं भी अवस्थित हों, अभिप्रेत है और इसके अंतर्गत ऐसी सम्पत्ति या आस्तियों के हक या उसमें हित का साक्ष्य देने वाले विलेख और लिखत भी है;)
झ) नातेदार से अभिप्रेत है –
१) व्यक्ति का पति या पत्नी;
२) व्यक्ति का भाई या बहन;
३) व्यक्ति की पत्नी या पति का भाई या बहन;
४) व्यक्ति का कोई पारंपारिक पुरुष या वंशज;
५) व्यक्ति की पत्नी या पति का कोई पारंपारिक पूर्व पुरुष या वंशज;
६) उपखंड (२), उपखंड (३), उपखंड (४) या उपखंड (५) में निर्दिष्ट किसी व्यक्ति की पत्नी या पति;
७) उपखंड (२) या उपखंड (३) में निर्दिष्ट व्यक्ति का कोई पारंपरिक वंशज;
ञ) पता लगाना से सम्पत्ति की प्रकृति, स्त्रात, व्ययन, संचलन, हक या स्वामित्व का अवधारण करना अभिप्रेत है;
ट) न्यास के अंतर्गत कोई अन्य विधिक बाध्यता भी है ।
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१. २००१ के अधिनियम सं. ९ की धारा ३२ द्वारा प्रतिस्थापित ।
२. २०१४ के अधिनियम सं. १६ की धारा २० द्वारा प्रतिस्थापित ।
३. २०१४ के अधिनियम स. १६ की धारा २० द्वारा अंत:स्थापित ।

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