स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ अधिनियम १९८५
अध्याय ५ :
प्रक्रिया :
धारा ४१ :
१.( वारंट जारी करने की शक्ति और प्राधिकार :
१) महानगर मजिस्ट्रेट या प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट या इस निमित्त राज्य सरकार द्वारा विशेष रुप से सशक्त द्वितीय वर्ग मजिस्ट्रेट, किसी ऐसे व्यक्ति की गिरफ्तारी के लिए, जिसके बारे में उसके पास यह विश्वास करने का कारण है कि उसने इस अधिनियम के अधीन दण्डनीय कोई अपराध किया है, या किसी ऐसे भवन, प्रवहण या स्थान की, जिसके बारे में उसके पास यह विश्वास करने का कारण है कि वहां कोई ऐसी स्वापक ओषधि या मन:प्रभावी पदार्थ या नियंत्रित पदार्थ जिसकी बाबत इस अधिनियम के अधीन दण्डनीय कोई अपराध किया गया है, या कोई ऐसी दस्तावेज या अन्य वस्तु, जो ऐसे अपराध के किए जाने का साक्ष्य हो सकती है, या कोई ऐसी अवैध रुप से अर्जित संपत्ति या कोई ऐसी दस्तावेज या अन्य वस्तु, जो अवैध रुप से अर्जित ऐसी कोई संपत्ति धारण करने का साक्ष्य हो सकती है जो इस अधिनियम के अध्याय ५-क के अधीन अभिग्रहण या स्थिरीकरण या समपहरण के लिए दायी है, रखी या छिपाई गई है, दिन में या रात में, तलाशी के लिए वारंट जारी कर सकेगा ।
२) केन्द्रीय उत्पाद-शुल्क, स्वापक, सीमाशुल्क, राजस्व आसूना विभागों या केन्द्रीय सरकार के किसी अन्य विभाग का, जिसके अन्तर्गत पैरा सैन्य बल या सशस्त्र बल भी है, राजपत्रित पंक्ति का ऐसा कोई अधिकारी जिसे केन्द्रीय सरकार द्वारा, साधारण या विशेष आदेश द्वारा, इस निमित्त सशक्त किया जाता है, अथवा किसी राज्य सरकार के राजस्व, ओषधि नियंत्रण, उत्पाद-शुल्क, पुलिस या किसी अन्य विभाग का कोई ऐसा अधिकारी, जिसे राज्य सरकार के, साधारण या विशेष आदेश द्वारा, इस निमित्त सशक्त किया जाता है, यदि उसके पास व्यक्तिगत जानकारी या किसी व्यक्ति द्वारा दी गई और लिखी गई इत्तिला से यह विश्वास करने का कारण है कि किसी व्यक्ति ने इस अधिनियम के अधीन दण्डनीय कोई अपराध किया है अथवा कोई ऐसी स्वापक ओषधि या मन:प्रभावी पदार्थ या नियंत्रित पदार्थ जिसकी बाबत इस अधिनियम के अधीन दंडनीय कोई अपराध किया गया है या कोई ऐसी दस्तावेज या अन्य वस्तु जो ऐसे अपराध के किए जाने के साक्ष्य हो सकती है या अवैध रुप से अर्जित कोई ऐसी संपत्ति या कोई दस्तावेज या अन्य वस्तु, जो अवैध रुप से अर्जित ऐसी कोई संपत्ति धारण करने का साक्ष्य हो सकती है जो इस अधिनियम के अध्याय ५-क के अधीन अभिग्रहण या स्थिरीकरण या समपहरण के लिए दायी है किसी भवन, प्रवहन या स्थान में रखी या छिपाई गई है, अपने अधीनस्थ किन्तु किसी चपरासी, सिपाही, या कांस्टेबल की पंक्ति से वरिष्ठ किसी अधिकारी को ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार करने के लिए अथवा किसी भवन, प्रवहन या स्थान की, दिन में या रात में, तलाशी लेने के लिए प्राधिकृत कर सकेगा अथवा स्वयं ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकेगा या ऐसे भवन, प्रवहण या स्थान की तलाशी ले सकेगा ।
३) ऐसे अधिकारी को, जिसको उपधारा (१) के अधीन कोई वारंट संबोधित किया जाता है और ऐसे अधिकारी को, जो गिरफ्तारी या तलाशी को प्राधिकृत करता है, या ऐसे अधिकारी को, जिसे उपधारा (२) के अधीन इस प्रकार प्राधिकृत किया जाता है, धारा ४२ के अधीन कार्य करने वाले अधिकारी की सभी शक्तियां होंगी ।
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१. २००१ के अधिनियम सं. ९ की धारा १९ द्वारा प्रतिस्थापित ।
