स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ अधिनियम १९८५
धारा ४० :
कुछ अपराधियों के नामों, कारबार के स्थान आदि को प्रकाशित करने की न्यायालय की शक्ति :
१) जहां किसी व्यक्ति को, धारा १५ से धारा २५ (दोनों सहित), धारा २८, धारा २९ या धारा ३० के अधीन दण्डनीय किसी अपराध का सिद्धदोष ठहराया जाता है वहां उस व्यक्ति को सिद्धदोष ठहराने वाला न्यायालय ऐसे व्यक् िका नाम और कारबार का स्थान या निवास-स्थान, उल्लंघन की प्रकृति, यह तथ्य की उस व्यक्ति को इस प्रकार सिद्धदोष ठहराया गया है और ऐसी अन्य विशिष्टियां, जो न्यायालय मामले की परिस्थितियों में समुचित समझे, ऐसे व्यक्ति के व्यय पर ऐसे समाचारपत्रों में या ऐसी रीति से, जो न्यायालय निर्दिष्ट करे, प्रकाशित कराने के लिए सक्षम होगा ।
२) उपधारा (१) के अधीन कोई प्रकाशन तब तक नहीं किया जाएगा जब तक कि न्यायालय के आदेशों के विरुद्ध अपील करने की अवधि का कोई अपील किए बिना अवसान नहीं हो जाता है या ऐसी अपील किए जाने पर उसका निपटान नहीं कर दिया जाता है ।
३) उपधारा (१) के अधीन किसी प्रकाशन का व्यय सिद्धदोष ठहराए गए व्यक्ति से इस प्रकार वसूलीय होगा माने वह न्यायालय द्वारा अधिरोपित जुर्माना हो ।
