स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ अधिनियम १९८५
धारा ३६ :
१.(विशेष न्यायालयों का गठन :
१) सरकार, इस अधिनियम के अधीन अपराधों का शीघ्र विचारण करने के प्रयोजन के लिए, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, उतने विशेष न्यायालयों का, जितने ऐसे क्षेत्र या क्षेत्रों के लिए आवश्यक हों, जो अधिसूचना में विनिर्दिष्ट किए जाएं, गठन कर सकेगी ।
२) विशेष न्यायालय में एकल न्यायाधीश होगा जिसे सरकार द्वारा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायमूर्ति की सहमति से नियुक्त किया जाएगा ।
स्पष्टीकरण :
इस उपधारा में, उच्च न्यायालय से राज्य का ऐसा उच्च न्यायालय अभिप्रेत है जिसमें किसी विशेष न्यायालय का सेशन न्यायाधीश या अपर सेशन न्यायाधीश ऐसे न्यायाधीश के रुप में उसकी नियुक्ति के ठीक पहले कार्य कर रहा था ।
३) कोई भी व्यक्ति किसी विशेष न्यायालय में न्यायाधीश के रुप में नियुक्ति के लिए तब तक अर्हित नहीं होगा जब तक वह ऐसी नियुक्ति के ठीक पहले सेशन न्यायाधीश या अपर सेशन न्यायाधीश न हो ।
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१.१९८९ के अधिनियम सं.२ की धारा ११ द्वारा अंत: स्थापित ।
