स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ अधिनियम १९८५
धारा २५ :
१.( किसी अपराध के किए जाने के लिए किसी परिसर, आदि का उपयोग किए जाने की अनुज्ञा देने के लिए दंड :
जो कोई, किसी गृह, कक्ष, अहाते, जगह, स्थान, जीव-जंतु या प्रवहन का स्वामी या अधिभोगी होते हुए अथवा उसका नियंत्रण या उपयोग करते हुए उसका किसी अन्य व्यक्ति द्वारा इस अधिनियम के किसी उपबंध के अधीन दंडनीय कोई अपराध करने के लिए उपयोग किए जाने की जानबूझकर अनुज्ञा देगा, वह उस अपराध के लिए उपबंधित दंड से दंडनीय होगा ।)
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१.२००१ के अधिनियम सं. ९ की धारा ९ द्वारा प्रतिस्थापित ।
