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Mv act 1988 धारा ९३ : १.(अभिकर्ता या प्रचारक या समूहक द्वारा अनुज्ञप्ति अभिप्राप्त करना) :

मोटर यान अधिनियम १९८८
धारा ९३ :
१.(अभिकर्ता या प्रचारक या समूहक द्वारा अनुज्ञप्ति अभिप्राप्त करना) :
कोई भी व्यक्ति-
एक)सार्वजनिक सेवा यानों द्वारा यात्री के लिए टिकटों के विक्रय में अभिकर्ता या प्रचारक के रूप में अथवा ऐसे यानों के लिए ग्राहकों की अन्य रूप में याचना करने में ; या
दो)माल वाहनों द्वारा वहन किए जाने वाले माल को संगृहीत, अग्रेषित या वितरित करने के कारबार में अभिकर्ता के रूप में,
अपने को तभी लगाएगा, जब उसने ऐसे प्राधिकरण से अनुज्ञप्ति अभिप्राप्त कर ली है और ऐसी शर्तों पर ही लगाएगा जो राज्य सरकार द्वारा विहित की जाएं, अन्यथा नहींं ।
२.(तीन) एक समूहक के रुप में, :
परंतु किसी समूहक को अनुज्ञप्ति जारी करते समय राज्य सरकार ऐसे मार्गदर्शक सिद्धांतों का अनुपालन कर सकेगी, जो केंद्रीय सरकार द्वारा जारी किए जाएं :
परंतु यह और कि प्रत्येक समूहक सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम २००० और तदधीन बनाए गए नियमों और विनियमों का अनुपालन करेगा ।)
२)उपधारा १) में निर्दिष्ट शर्तों में निम्नलिखित सब बातें या उनमें से कोई हो सकेगी, अर्थात् :-
(a)क) वह अवधि जिसके लिए अनुज्ञप्ति दी जा सकेगी या उसका नवीकरण हो सकेगा ;
(b)ख) अनुज्ञप्ति दी जाने या उसके नवीकरण के लिए देय फीस;
(c)ग) १)माल वाहनों द्वारा वहन किए जाने वाले माल के संग्रहण, अग्रेषण या वितरण के कारबार में लगे अभिकर्ता की दशा में अधिक से अधिक पचास हजार रूपए तक की राशि की ;
२)किसी अन्य अभिकर्ता या प्रचारक की दशा में अधिक से अधिक पांच हजार रूपए तक की राशि की, प्रतिभूति जमा करना;
और वे परिस्थितियां जिनमें वह प्रतिभूति समपहृत की जा सकेगी ;
(d)घ)अभिकर्ता द्वारा अभिवहन में माल का बीमा कराने की व्यवस्था ;
(e)ड) वह प्राधिकारी जिसके द्वारा और वे परिस्थितियां जिनमें अनुज्ञप्ति निलंबित की जा सकेगी या प्रतिसंहृत की जा सकेगी;
(f)च)ऐसी अन्य शर्ते जो राज्य सरकार द्वारा विहित की जाएं ।
३) प्रत्येक अनुज्ञप्ति की यह शर्त होगी कि कोई भी ऐसा अभिकर्ता या प्रचारक, जिसे अनुज्ञप्ति दी गई है, किसी समाचारपत्र, पुस्तक, सूची, वर्गीकृत निदेशिका या अन्य प्रकाशन में तब तक विज्ञापित नहीं करेगा जब तक कि ऐसे समाचारपत्र, पुस्तक, सूची, वर्गीकृत निदेशिका या अन्य प्रकाशन में आने वाले ऐसे विज्ञापन में अनुज्ञप्ति संख्यांक, अनुज्ञप्ति के अवसान की तारीख और अनुज्ञप्ति देने वाले प्राधिकारी की विशिष्टियां न दी गई हों ।
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१. २०१९ का अधिनियम सं. ३२ की धारा ३६ द्वारा पाश्र्व शीर्ष के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
२. २०१९ का अधिनियम सं. ३२ की धारा ३६ द्वारा उपधारा (१) में खंड (दो) के पश्चात् अंत:स्थापित ।

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