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Mv act 1988 धारा ५३ : रजिस्ट्रीकरण का निलंबन :

मोटर यान अधिनियम १९८८
धारा ५३ :
रजिस्ट्रीकरण का निलंबन :
१) यदि किसी रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी या अन्य विहित प्राधिकारी के पास यह विश्वास करने का कारण है कि उसकी अधिकारिता के अंदर कोई मोटर यान –
(a)क)ऐसी हालत में है जिसमें सार्वजनिक स्थान में उसके उपयोग से जनता के लिए खतरा पैदा होगा, या वह इस अधिनियम अथवा उसके अधीत बनाए गए नियमों की अपेक्षाओं की पूर्ति नहीं करता है, या
(b)ख) भाडे या पारिश्रमिक पर उपयोग किए जाने के लिए विधिमान्य परमिट के बिना इस प्रकार उपयोग में लाया गया है या लाया जा रहा है,
तो वह प्राधिकारी उसके स्वामी को (उसके उस पते से, जो रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र में दिया हुआ है, रसीदी रजिस्ट्री डाक से सूचना भेज
कर) ऐसा अभ्यावेदन करने का, जैसा वह करना चाहे, अवसर देने के पश्चात् उस यान के रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र को, उन कारणों से, जो लेखबध्द किए जाएंगे –
१) खंड (क) के अधीन आने वाले किसी मामले में, तब तक के लिए निलंबित कर सकेगा जब तक उसके समाधानप्रद रूप में त्रुटियां दूर नहीं कर दी जाती ;और
एक)खंड (ख) के अधीन आने वाले किसी मामले में अधिक से अधिक चार मास की अवधि के लिए निलंबित कर सकेगा ।
दो)रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी से भिन्न कोई प्राधिकारी जब उपधारा (१) के अधीन ऐसे निलंबन का आदेश देता है तब वह ऐसे निलंबन के तथ्य और उसके कारणों की लिखित सूचना उस रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी को देगा जिसकी अधिकारिता के अंदर वह यान निलंबन के समय है ।
३)जब किसी मोटर यान का रजिस्ट्रीकरण उपधारा (१) के अधीन कम से कम एक मास की लगातार अवधि के लिए निलंबित किया गया है तब वह रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी, जिसकी अधिकारिता के अंदर वह यान उस समय था जब रजिस्ट्रीकरण का निलंबन किया गया था, उस दशा में, जिसमें वह मूल रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी नहंी है, उस निलंबन की सूचना उस प्राधिकारी को देगा ।
४)किसी मोटर यान का स्वामी, ऐसे रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी या अन्य विहित प्राधिकारी द्वारा, जिसने इस धारा के अधीन उस यान के रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र को निलंबित किया है, मांग किए जाने पर उस रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र को अभ्यर्पित कर देगा ।
५)रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र, जो उपधारा (४) के अधीन अभ्यर्पित किया गया है, उस स्वामी को तब लौटाया जाएगा, जब रजिस्ट्रीकरण का निलंबन करने वाला आदेश विखंडित कर दिया गया है, न कि उससे पूर्व ।

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