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Mv act 1988 धारा २७ : केन्द्रीय सरकार की नियम बनाने की शक्ति :

मोटर यान अधिनियम १९८८
धारा २७ :
केन्द्रीय सरकार की नियम बनाने की शक्ति :
केन्द्रीय सरकार, निम्नलिखित की बाबत नियम बना सकेगी –
(a)१.(क) धारा २क की उपधारा (२) के अधीन ई-गाडी और ई-रिक्शा से संबंधित विनिर्देश 😉
(aa)२.(कक) धारा ३ की उपधारा (२) में निर्दिष्ट शर्तें ;
(b)ख)उस प्ररूप की, जिसमें शिक्षार्थी अनुज्ञप्ति के लिए आवेदन किया जा सकेगा, वह जानकारी जो उसमें अंतर्विष्ट होगी और उन दस्तावेजों का जो धारा ८ की उपधारा (२) में निर्दिष्ट आवेदन के साथ प्रस्तुत किए जाएंगे, उपबंध करना ;
(c)ग)धारा ८ की उपधारा (३) में निर्दिष्ट चिकित्सा प्रमाणपत्र के प्ररूप का उपबंध करना;
(d)घ) धारा ८ की उपधारा (५) में निर्दिष्ट परीक्षण के लिए विशिष्टियों का उपबंध करना;
(da)३.(घक) वह प्ररुप और रीति, जिसमें अनुज्ञापन प्राधिकारी धारा ८ की उपधारा (६) के अधीन शिक्षार्थी अनुज्ञप्ति जारी कर सकेगा ।
(db)घख) वह रीति, जिसमें कोई अनुज्ञापन प्राधिकारी धारा ८ की उपधारा (६) के तीसरे परंतुक के अधीन आवेदक की पहचान का सत्यापन कर सकेगा;)
(e)ड) उस प्ररूप का, जिसमें चालन-अनुज्ञप्ति के लिए आवेदन किया जा सकेगा, वह जानकारी जो उसमें अंतर्विष्ट होगी और उन दस्तावेजों का जो धारा ९ की उपधारा (२) में निर्दिष्ट आवेदन के साथ प्रस्तुत किए जाएंगे, उपबंध करना ;
(f)च)धारा ९ की उपधारा (३) में निर्दिष्ट चालन सक्षमता परीक्षण की बाबत विशिष्टियों का उपबंध करना ;
(ff)१.(चच) ऐसी रीति और शर्ते जिनके अधीन रहते हुए चालन-अनुज्ञप्ति, धारा ९ की उपधारा (१०) के अधीन जारी की जा सकेगी;)
(g)छ)उन व्यक्तियों की, जिनको परिवहन यान चलाने के लिए इस अधिनियम के अधीन अनुज्ञप्तियां दी जा सकेंगी, न्यूनतम शैक्षिक अर्हताएं और वह समय जिसके भीतर ऐसी अर्हताएं, ऐसे व्यक्तियों द्वारा अर्जित की जानी हैं, विनिर्दिष्ट करना ;
(h)ज)धारा १० की उपधारा (१) में निर्दिष्ट अनुज्ञप्तियों के प्ररूप और अंतर्वस्तु का उपबंध करना ;
(i)झ)धारा ११ की उपधारा (१) में निर्दिष्ट आवेदन के प्ररूप और अंतर्वस्तु का तथा आवेदन के साथ प्रस्तुत किए जानेवाले दस्तावेजों और प्रभारित की जाने वाली फीस का उपबंध करना;
(j)ञ) ऐसी शर्तो का उपबंध करना जिनके अधीन रहते हुए धारा ११ के अधीन किए गए आवेदन को धारा ९ लागू होगी ;
(ja)४.(ञक) प्रशिक्षण माड्यूलों की पाठ्यचर्या और धारा १२ की उपधारा (६) के अधीन स्कूलों और स्थापनों का विनियमन;
(jb)ञख) खतरनाक या परिसंकटमय प्रकृति के मालों के वहन के लिए परिवहन यानों और धारा १४ की उपधारा (२) के खंड (क) और खंड (ख) के अधीन अन्य मोटर यानों को चलाने की अनुज्ञप्ति के नवीकरण के लिए शर्ते;
(jc)ञग) वह रीति, जिसमें कोई अनुज्ञापन प्राधिकारी धारा ११ की उपधारा (२) के तीसरे परंतुक के अधीन आवेदक की पहचान का सत्यापन कर सकेगा;)
(k)ट)धारा १५ की उपधारा (१) में निर्दिष्ट आवेदन के प्ररूप और अंतर्वस्तु का तथा धारा १५ की उपधारा (२) के अधीन ऐसे आवेदन के साथ लगाए जाने वाले दस्तावेजों का उपबंध करना;
(l)ठ)धारा १८ की उपधारा (१) के अधीन, अनुज्ञप्ति देने के लिए प्राधिकारी का उपबंध करना ;
(m)ड)धारा ८ की उपधारा (२), धारा ९ की उपधारा (२) और धारा १५ की उपधारा (३) और उपधारा (४) के अधीन शिक्षार्थी अनुज्ञप्ति के दिए जाने के लिए और चालन-अनुज्ञप्तियों के दिए जाने और नवीकरण के लिए और मोटर यान चलाने में शिक्षा देने वाले विद्यालयों या स्थापनों को विनियमित करने के प्रयोजन के लिए अनुज्ञप्तियों के दिए जाने और उनके नवीकरण के लिए संदेय फीस विनिर्दिष्ट करना ;
(n)ढ)धारा १९ की उपधारा (१) के खंड (च) के प्रयोजनों के लिए कार्य विनिर्दिष्ट करना ;
(na)५.(ढक) धारा १९ की उपधारा (१क) में निर्दिष्ट अनुज्ञप्तिधारक के नाम को पब्लिक डोमेन में रखने की रीति;
(nb)ढख) धारा १९ की उपधारा (२ख) में निर्दिष्ट चालक पुनश्चर्या प्रशिक्षण पाठ्यक्रम की प्रकृति, पाठ्य विवरण और अवधि के लिए उपबंध करना;)
(o)ण)धारा २४ की उपधारा (२) के प्रयोजनों के लिए इस अधिनियम के अधीन अपराधों को विनिर्दिष्ट करना ;
(oa)६.(णक) धारा २५क में निर्दिष्ट सभी या कोई विषय;
(p)त)धारा २६ ७.(***) में निर्दिष्ट सभी या किन्हीं विषयों का उपबंध करना ;
(q)थ) कोई अन्य विषय जो केन्द्रीय सरकार द्वारा विहित किया गया है या विहित किया जाए ।
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१.२०१५ के अधिनियम सं. ३ की धारा ५ द्वारा अंत:स्थापित ।
२.२०१५ के अधिनियम सं. ३ की धारा ५ द्वारा पुन:अक्षरांकित ।
३. २०१९ के अधिनियम सं. ३२ की धारा १४ द्वारा खंड (घ) के पश्चात अंत:स्थापित ।
४. २०१९ के अधिनियम सं. ३२ की धारा १४ द्वारा खंड (ञ) के पश्चात अंत:स्थापित ।
५. २०१९ के अधिनियम सं. ३२ की धारा १४ द्वारा खंड (ढ) के पश्चात अंत:स्थापित ।
६. २०१९ के अधिनियम सं. ३२ की धारा १४ द्वारा खंड (ण) के पश्चात अंत:स्थापित ।
७. २०१९ के अधिनियम सं. ३२ की धारा १४ द्वारा (की उपधारा (१)) शब्दों का लोप किया गया ।

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