Site icon Ajinkya Innovations

Mv act 1988 धारा १७५ : सिविल न्यायालयों की अधिकारिता का वर्जन :

मोटर यान अधिनियम १९८८
धारा १७५ :
सिविल न्यायालयों की अधिकारिता का वर्जन :
जहां किसी क्षेत्र के लिए कोई दावा अधिकरण गठित किया गया है वहां किसी भी सिविल न्यायालय को यह अधिकारिता न होगी कि वह प्रतिकर के किसी दावे से संबंधित किसी ऐसे प्रश्न को ग्रहण करे जिसका न्यायनिर्णन उस क्षेत्र के लिए दावा अधिकरण द्वारा किया जा सकता है, तथा प्रतिकर के दावे की बाबत दावा अधिकरण द्वारा या उसके समक्ष की गर्स या की जाने वाली किसी कार्रवाई की बाबत सिविल न्यायालय कोई भी व्यादेश मंजूर नहीं करेगा ।

Exit mobile version