Site icon Ajinkya Innovations

Mv act 1988 धारा १६९ : दावा अधिकरणों की प्रक्रिया और शक्तियां :

मोटर यान अधिनियम १९८८
धारा १६९ :
दावा अधिकरणों की प्रक्रिया और शक्तियां :
१) धारा १६८ के अधीन कोई जांच करते समय दवा अधिकरण ऐसे किन्हीं नियमों के अधीन रहते हुए, जो इस निमित्त बनाए जाएं, ऐसी संक्षिप्त प्रक्रिया का अनुसरण करेगा जो वह ठीक समझे ।
२)दावा अधिकरण को शपथ पर साक्ष्य लेने, साक्षियों को हाजिर कराने तथा दस्तावेजों और भौतिक वस्तुओं का प्रकटीकरण और पेशी कराने तथा ऐसे अन्य प्रयोजनों के लिए जो विहित किए जाएं, सिविल न्यायालय की सब शक्तियां प्राप्त होंगी, तथा दावा आधिकरण को दंड प्रकिया संहिता, १९७३ (१९७४ का २) की धारा १९५ और अध्याय २६ के सब प्रयोजनों के लिए सिविल न्यायालय समझा जाएगा ।
३)ऐसे किन्हीं नियमों के अधीन रहते हुए जो इस निमित्त बनाए जाएं, दावा अधिकरण, प्रतिकर के किसी दावे का अधिनिर्णय करने के प्रयोजन के लिए, जांच करने में उसे सहायता देने के लिए, जांच से सुसंगत किसी विषय का विशेष ज्ञान रखने वाले एक या अधिक व्यक्तियों को चुन सकेगा ।
१.(४) इसके अधिनिर्णय के प्रवर्तन के प्रयोजन के लिए, दावा अधिकरण को भी सिविल प्रक्रिया संहिता, १९०८ के अधीन डिक्री के निष्पादन में सिविल न्यायालय की सभी शक्तियां प्राप्त होंगी मानो अधिनिर्णय किसी सिविल वाद में ऐसे न्यायालय द्वारा पारित धन के संदाय के लिए डिक्री थी ।)
———–
१. २०१९ का अधिनियम सं. ३२ की धारा ५५ द्वारा उपधारा (३) के पश्चात अंत:स्थापित ।

Exit mobile version