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Mv act 1988 धारा १६१ : १.(हिट एंड रन मोटयान दुघर्टना में प्रतिकर के विशेष उपबंध :

मोटर यान अधिनियम १९८८
धारा १६१ :
१.(हिट एंड रन मोटयान दुघर्टना में प्रतिकर के विशेष उपबंध :
१) तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि या विधि का बल रखने वाली किसी लिखित में अंतर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी, केंद्रीय सरकार, इस अधिनियम और उपधारा (३) के उपबंधों के अधीन बनाई गई किसी स्कीम के उपबंधों के अनुसार हिट एंड रन मोटर यान दुर्घटना के परिणामस्वरुप व्यक्तियों की मृत्यु, या उनको घोर उपहति की बाबत, प्रतिकर के संदाय के लिए उपबंध करेगी ।
२) इस अधिनियम के उपबंधों और उपधारा (३) के अधीन बनायी गई स्कीम के अध्यधीन रहते हुए, प्रतिकर संदत्त किया जाएगा,-
(a)क) हिट एंड रन मोटरयान दुर्घटना के परिणामस्वरुप किसी व्यक्ति की मृत्यु की बाबत, दो लाख रुपए की नियत राशि या कोई उच्चतर राशि जैसा केंद्रीय सरकार द्वारा विहित किया जाए ;
(b)ख) हिट एंड रन दुर्घटना के परिणामस्वरुप किसी व्यक्ति को घोर उपहति की बाबत, पचास हजार रुपए की नियत राशि या कोई उच्चतर राशि, जैसा केंद्रीय सरकार द्वारा विहित किया जाए ।
३) केंद्रीय सरकार, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, एक स्कीम, ऐसी रीति विनिर्दिष्ट करते हुए जिसमें केंद्रीय सरकार या साधारण बीमा परिषद् द्वारा स्कीम प्रशासित की जाएगी, प्ररुप, रीति और समय जिसमें प्रतिकर के लिए आवेदन किए जा सकेंगे, अधिकारी या प्राधिकारी जिसको ऐसे आवेदन किए जा सकते हैं ऐसे अधिकारियों या प्रधिकारियों द्वारा ऐसे आवेदनों पर विचार करने और आदेश पारित करने के लिए अनुसरण की जानेवाली प्रक्रिया और स्कीम के प्रशासन और इस धारा के अधीन प्रतिकर के संदाय से संबंधित या अनुषंगिक अन्य मामले में, बना सकेगी ।
४) उपधारा (३) के अधीन बनायी गई स्कीम यह उपबंध कर सकेगी, कि –
(a)क) ऐसी किसी स्कीम के अधीन किसी दावाकर्ता को अंतरिम अनुतोष के रुप में ऐसी राशि का संदाय, जो केंद्रीय सरकार द्वारा विहित की जाए ;
(b)ख) उसके किसी उपबंध का उल्लंघन करना ऐसी अवधि के कारावास से जो दो वर्ष तक का हो सकेगा या जुर्माने से जो पच्चीस हजार रुपए से कम नहीं होगा किन्तु पांच लाख रुपए तक का हो सकेगा या दोनों से दंडनीय होगा;
(c)ग) ऐसी स्कीम द्वारा किसी अधिकारी या प्राधिकारी को प्रदत्त या अधिरोपित शक्तियां, कृत्य या कर्तव्य, केंद्रीय सरकार के पर्व लिखित अनुमोदन से, ऐसे अधिकारी या प्राधिकारी से अन्य अधिकारी या प्राधिकारी को प्रत्यायोजित किए जा सकेंगे ।)
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१. २०१९ का अधिनियम सं. ३२ की धारा ५१ द्वारा अध्याय ११ प्रतिस्थापित ।

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