Mv act 1988 धारा ९ : चालन- अनुज्ञप्ति का दिया जाना :

मोटर यान अधिनियम १९८८
धारा ९ :
चालन- अनुज्ञप्ति का दिया जाना :
१)कोई व्यक्ति, जो उस समय चालन-अनुज्ञप्ति धारण करने या अभिप्राप्त करने के लिए निरर्हित नहीं है, उसको चालन-अनुज्ञप्ति दिए जाने के लिए १.(राज्य में किसी अनुज्ञापन प्राधिकारी को आवेदन कर सकेगा) –
एक)जिसमें वह व्यक्ति मामूली तौर पर निवास करता है या कारबार चलता है; या
दो)जिसमें धारा १२ में निर्दिष्ट वह स्थापन स्थित है, जहां वह मोटर यान चलाना सीख रहा है या सीख चुका है ।
२)उपधारा (१) के अधीन प्रत्येक आवेदन ऐसे प्ररूप में होगा और उसके साथ ऐसी फीस और ऐसे दस्तावेज होंगे, जो केन्द्रीय सरकार द्वारा विहित किए जाएं ।
२.(३) यदि आवेदक ऐसे परीक्षण में उत्तीर्ण हो जाता है, जो केन्द्रीय सरकार द्वारा विहित किया जाए तो उसे चालन अनुज्ञप्ति दी जाएगी :
परन्तु ऐसा परीक्षण वहां आवश्यक नहीं होगा जहां आवेदक यह दशिॅत करने के लिए सबूत प्रस्तुत कर देता है कि –
(a)क)(एक) आवेदक के पास ऐसे वर्ग के यान को चलाने के लिए पहले भी अनुज्ञप्ति थी और उस अनुज्ञप्ति की समाप्ति की तारीख तथा ऐसे आवेदन की तारीख के बीच की अवधि पांच वर्ष से अधिक नहीं है ,या
दो)आवेदक के पास ऐसे वर्ग के यान को चलाने के लिए धारा १८ के अधीन दी गई चालन-अनुज्ञप्ति है या पहले भी थी, या
तीन)आवेदक के पास भारत के बाहर किसी देश के सक्षम प्राधिकारी द्वारा ऐसे वर्ग के यान को चलाने के लिए इस शर्त के अधीन दी गर्स चालन- अनुज्ञप्ति है कि आवेदक धारा ८ की उपधारा (३) के उपबंधों का पालन करता है,
(b)ख)आवेदक ऐसी किसी नि:शक्तता से ग्रस्त नहीं है जिससे उसके द्वारा यान का चलाया जाना जनता के लिए खतरनाक हो सकता है; और अनुज्ञापन प्राधिकारी उस प्रयोजन के लिए आवेदक से उसी प्ररूप और उसी रीति से, जो धारा ८ की उपधारा (३) में निर्दिष्ट है, एक चिकित्सा- प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने की अपेक्षा कर सकेगा :
३.( परंतु यह और कि किसी रुपांतरित यान को चलाने के लिए किसी आवेदन को चालन अनुज्ञप्ति जारी की जा सकगी यदि अनुज्ञापन प्राधिकारी का यह समाधान हो जाता है कि वह ऐस मोटर यान को चलाने के लिए उपयुक्त है ।)
४)जहां आवेदन किसी परिवहन यान को चलाने की अनुज्ञप्ति के लिए है, वहां किसी आवेदक को तब तक प्राधिकृत नहीं किया जाएगा जब तक कि उसके पास ४.(***) धारा १२ में निर्दिष्ट किसी विद्यालय या स्थापन द्वारा दिया गया कोई चालन-प्रमाणपत्र न हो ।
५.(५)जहां आवेदक परीक्षण उत्तीर्ण नहीं करता है वहां उस सात दिन की अवधि के पश्चात् परीक्षण पुन: देने की अनुज्ञा दी जा सकेगी :
परन्तु जहां आवेदक तीन बार परीक्षण देने के पश्चात् भी उसे उत्तीर्ण नहीं करता है तो वह ऐसे अंतिम परीक्षण की तारीख से साठ दिन की अवधि की समाप्ति के पूर्व ऐसा परिक्षण पुन:देने के लिए अर्हित नहीं होगा ६.(और ऐसे आवेदक से धारा १२ के अधीन किसी स्कूल या स्थापन से उपचारात्मक चालन प्रशिक्षण पाठ्यक्रम पूरा करने की अपेक्षा होगी ।) )
६)चालन सक्षमता परिक्षण उस प्रकार के यान में किया जाएगा जिसका आवेदन में निर्देश है :
परन्तु किसी ऐसे व्यक्ति की बाबत जिसने गियर वाली मोटर साइकिल चलाने का परीक्षण उत्तीर्ण कर लिया है, यह समझा जाएगा कि उसने बिना गियर वाली मोटर साइकिल चलाने का परीक्षण भी उत्तीर्ण कर लिया है ।
७)जब समुचित अनुज्ञापन प्राधिकारी को उचित रूप से आवेदन कर दिया गया है और आवेदक ने अपनी चालन सक्षमता की बाबत ऐसे प्राधिकारी का समाधान कर दिया है तब अनुज्ञापन प्राधिकारी आवेदक चालन-अनुज्ञप्ति देगा जब तक कि आवेदक चालन-अनुज्ञप्ति धारण करने या अभिप्राप्त करने के लिए उस समय निरर्हित न हो :
परन्तु कोई अनुज्ञापन प्राधिकारी मोटर साइकिल या हल्का मोटर यान चलाने के लिए चालन-अनुज्ञप्ति इस बात के होते हुए भी कि वह समुचित अनुज्ञापन प्राधिकारी नहीं है उस दशा में दे सकेगा जिसमें उस अनुज्ञापन प्राधिकारी का समाधान हो जाता है कि इस बात का उचित और पर्याप्त कारण है कि आवेदक समुचित अनुज्ञापन प्राधिकारी को आवेदन करने में असमर्थ है :
परन्तु यह और कि अनुज्ञापन प्राधिकारी आवेदक को यदि उसके पास पहले कोई चालन-अनुज्ञप्ति थी तो नई चालन-अनुज्ञप्ति तब तक नहीं देगा जब तक कि उसका यह समाधान नहीं हो जाता है कि उसी पहली अनुज्ञप्ति की दूसरी प्रति प्राप्त करने में उसकी असमर्थता का उचित और पर्याप्त कारण है ।
८)यदि अनुज्ञापन प्राधिकारी का, आवेदक को सुनवाई का अवसर देने के पश्चात्, यह समाधान हो जाता है कि वह –
(a)क)आभ्यासिक अपराधी या आभ्यासिक शराबी है :या
(b)ख)स्वापक ओषधि और मन:प्रभावी पदार्थ अधिनियम, १९८५ (१९८५ का ६१ ) के अर्थ के अन्तर्गत किसी स्वापक ओषधि या मन:प्रभावी पदार्थ का व्यसनी है :या
(c)ग) ऐसा कोई व्यक्ति है जिसकी मोटर यान चलाने की अनुज्ञप्ति को पहले किसी समय प्रतिसंहृत कर दिया गया है,
तो वह, लेखबध्द किए जाने वाले कारणों से, ऐसे किसी व्यक्ति को चालन-अनुज्ञप्ति देने से इंकार करने वाला आदेश कर सकेगा और इस उपधारा के अधीन अनुज्ञापन प्राधिकारी द्वारा किए गए किसी आदेश से व्यथित कोई व्यक्ति, आदेश की प्राप्ति के तीस दिन के भीतर, विहित प्राधिकारी को अपील कर सकेगा ।
९)मोटर साइकिल चलाने के लिए इस अधिनियम के प्रारंभ के ठीक पूर्व प्रवृत्त कोई चालन-अनुज्ञप्ति, ऐसे प्रारंभ के पश्चात्, गियर वाली या बिना गियर वाली किसी मोटर साइकिल के चलाने के लिए प्रभावी समझी जाएगी ।
७.(१०) इस धारा में अंतर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी, ई-गाडी या ई-रिक्शा को चलाने के लिए चालन- अनुज्ञप्ति ऐसी रीति से और ऐसी शर्तों के अधीन रहते हुए जारी की जाएगी जो विहित की जाएं । )
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१. २०१९ का ३२ धारा ५ द्वारा उस अनुज्ञापन प्राधिकारी को आवेदन कर सकेगा जिसकी अधिकारिता ऐसे क्षेत्र पर है शब्दों के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
२. १९९४ के अधिनियम सं. ५४ की धारा ७ द्वारा प्रतिस्थापित ।
३. २०१९ का ३२ धारा ५ द्वारा दुसरे परंतुक के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
४. २०१९ का ३२ धारा ५ द्वारा ऐसी न्यूनतम शैक्षिक अर्हताएं, जो केन्द्रीय सरकार द्वारा विहित की जाएं, और शब्दों का लोप किया गया ।
५.१९९४ के अधिनियम सं. ५४ की धारा ७ द्वारा प्रतिस्थापित ।
६. २०१९ का ३२ धारा ५ द्वारा अन्त:स्थापित ।
७. २०१५ के अधिनियम सं. ३ की धारा ४ द्वारा (०७-०१-२०१५ से )अंत: प्रतिस्थापित ।

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