Mv act 1988 धारा ९९ : राज्य परिवहन उपक्रम की सडक परिवहन सेवा के संबंध में प्रस्थापना का तैयार किया जाना और प्रकाशन :

मोटर यान अधिनियम १९८८
धारा ९९ :
राज्य परिवहन उपक्रम की सडक परिवहन सेवा के संबंध में प्रस्थापना का तैयार किया जाना और प्रकाशन :
१.(१) जहां किसी राज्य सरकार की यह राय है कि एक दक्ष, यथोचित, मितव्ययी और समुचित रूप से समन्वित सडक परिवहन सेवा उपलब्ध कराने के प्रयोजन से लोक हित में आवश्यक है कि साधारणत: सडक परिवहन सेवाएह अथवा उसके किसी क्षेत्र या मार्ग या भाग के संबंध में किसी विशिष्ट प्रकार की ऐसी सेवा राज्य परिवहन उपक्रम द्वारा, चाहे अन्य व्यक्तियों का पूर्णतया या आंशिक रूप से अपवर्जन करके या अन्यथा, चलाई जाए चालू रखी जाए, वहां राज्य सरकार उन सेवाओं के स्वरूप की, जिनके उपलब्ध कराए जाने की प्रस्थापना है, और उस क्षेत्र या मार्ग की, जिस पर उसे चलाने की प्रस्थापना है, विशिष्टियां और उससे संबंधित अन्य सुसंगत विशिष्टियां देते हुए एक स्कीम के संबंध में प्रस्थापना बना सकेगी और ऐसी बनार्स गई प्रस्थापना को राज्य सरकार के राजपत्र में औ उस क्षेत्र या मार्ग में जिसमें ऐसी स्कीम चलाने की प्रस्थापना है, परिचालित प्रादेशिक भाषा के कम से कम एक समाचारपत्र में, तथा ऐसी अन्य रीति से भी, जो ऐसी प्रस्थापना बनाने वाली राज्य सरकार ठीक समझे, प्रकाशित कराएगी ।
२.(२) उपधारा (१) में किसी बात के होते हुए भी, जब कोई प्रस्थापना उस उपधारा के अधीन प्रकाशित की जाती है, तब, ऐसी प्रस्थापना के प्रकाशन की तारीख से किसी भी व्यक्ति को प्रस्थापना के लंबित रहने के दौरान अस्थायी परमिट के सिवाय कोई परमिट, नहीं दिया जाएगा और ऐसी अस्थायी परमिट दिए जाने की तारीख से केवल एक वर्ष की अवधि तक या धारा १०० के अधीन स्कीम के अंतिम रूप से प्रकाशन की तारीख तक इनमें से जो भी पूर्वतर हो, विधिमान्य होगा । )
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१.१९९४ के अधिनियम सं. ५४ की धारा ३० द्वारा पुन:संख्यांकित ।
२.१९९४ के अधिनियम सं. ५४ की धारा ३० द्वारा अंत:स्थापित ।

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