Mv act 1988 धारा ८ : शिक्षार्थी अनुज्ञप्ति का दिया जाना :

मोटर यान अधिनियम १९८८
धारा ८ :
शिक्षार्थी अनुज्ञप्ति का दिया जाना :
१) कोई व्यक्ति, जो धारा ४ के अधीन मोटर यान चलाने के लिए निरर्हित नहीं है और जो उस समय चालन अनुज्ञप्ति धारण करने या अभिप्राप्त करने के लिए निरर्हित नहीं है, धारा ७ के उपबंधों के अधीन रहते हुए शिक्षार्थी अनुज्ञप्ति दिए जाने के लिए १.(राज्य में किसी अनुज्ञापन प्राधिकारी को आवेदन कर सेकेगा ) –
एक)जिसमें वह व्यक्ति मामूली तौर पर निवास करता है या कारबार चलाता है; या
दो)जिसमें धारा १२ में निर्दिष्ट वह विद्यालय या स्थापन स्थित है जहां वह मोटर यान चलाना सीखना चाहता है ।
२)उपधारा (१) के अधीन प्रत्येक आवेदन ऐसे प्ररूप में होगा और उसके साथ ऐसे दस्तावेज होंगे २.(ऐसी फीस सहित और ऐसी रीती में, जिसके अंतर्गत इलैक्ट्रानिकी साधन है, जो केंद्रीय सरकार द्वारा विहित किए जाएं )।
३) उपधारा (१) के अधीन ३.(परिवहन यान चलाने के लिए प्रत्येक आवेदन) के साथ चिकित्सा प्रमाणपत्र ऐसे प्ररूप में संलग्न होगा, जो केन्द्रीय सरकार द्वारा विहित किया जाए और उस पर ऐसे रजिस्ट्रीकृत चिकित्सा व्यवसायी द्वारा हस्ताक्षर किए जाएंगे, जिसे राज्य सरकार या राज्य सरकार द्वारा इस निमित्त प्राधिकृत कोई व्यक्ति, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, इस प्रयोजन के लिए नियुक्त करे :
४.(***)
४) यदि आवेदन से या उपधारा (३) में निर्दिष्ट चिकित्सा-प्रमाणपत्र से यह प्रतीत होता है कि आवेदक किसी ऐसे रोग या ऐसी नि:शक्तता से ग्रस्त है जिससे उसके द्वारा उस वर्ग के मोटर यान का चलाया जाना जिसे चलाने के लिए वह उस शिक्षार्थी चालन अनुज्ञप्ति द्वारा, जिसके लिए आवेदन किया गया है, प्राधिकृत हो जाएगा, जनता या यात्रियों के लिए खतरनाक हो सकता है तो अनुज्ञापन प्राधिकारी शिक्षार्थी चालन अनुज्ञप्ति देने से इंकार कर देगा :
परन्तु यदि अनुज्ञापन प्राधिकारी का समाधान हो जाता है कि आवेदक ५.(रुपांततिर यान) चलाने के लिए ठीक हालत में है तो आवेदक को ५.(रुपांततिर यान) चलाने तक सीमित शिक्षार्थी अनुज्ञप्ति दी जा सकेगी।
५)किसी भी आवेदक को कोई शिक्षार्थी अनुज्ञप्ति तक तक नहीं दी जाएगी जब तक वह ६.(ऐसी शर्तो को पूरा नहीं करता), जो केन्द्रीय सरकार द्वारा विहित किया जाए ।
६)जब समुचित अनुज्ञापन प्राधिकारी को उचित रूप से आवेदन कर दिया गया है और आवेदक ने ऐसे प्राधिकारी का उपधारा (३) के अधीन अपनी शारीरिक समर्थता के बारे में समाधान कर दिया है और उपधारा (५) में निर्दिष्ट परीक्षण, अनुज्ञापन प्राधिकारी के समाधानप्रद रूप में उत्तीर्ण कर लिया है तो अनुज्ञापन प्राधिकारी धारा ७ के उपबंधों के अधीन रहते हुए, आवेदक को शिक्षार्थी अनुज्ञप्ति देगा, जब तक कि आवेदक मोटर यान चलाने के लिए धारा ४ के अधीन निरर्हित न हो या मोटर यान चलाने के लिए कोई चालन-अनुज्ञप्ति धारण या अभिप्राप्त करने के लिए तत्समय निरर्हित न हो :
परन्तु कोई अनुज्ञापन प्राधिकारी मोटर साइकिल या मोटर यान चलाने के लिए शिक्षार्थी अनुज्ञप्ति इस बात के होते हुए भी कि वह समुचित अनुज्ञापन प्राधिकारी नहीं है उस दशा में दे सकेगा जिसमें उस अनुज्ञापन प्राधिकारी का समाधान हो जाता है कि इस बात का पर्याप्त कारण है कि आवेदक समुचित अनुज्ञापन प्राधिकारी को आवेदन करने में असमर्थ है :
७.(परंतु यह और कि अनुज्ञापन प्राधिकारी शिक्षार्थी अनुज्ञप्ति इलैक्ट्रानिकी रुप में और ऐसी रीति में जारी कर सकेगा जैसा केंद्रीय सरकार द्वारा विहित किया जाए :
परंतु यह भी कि अनुज्ञापन प्राधिकारी, अनुजप्ति जारी करने से पूर्व ऐसी रीति में, जो केन्द्रीय सरकार द्वारा विहित की जाए, आवेदक की पहचान को सत्यापित कर सकेगा ।)
७)जहां केन्द्रीय सरकार का यह समाधान हो जाता है कि ऐसा करना आवश्यक या समीचीन है वहां इस निमित्त बनाए गए नियमों द्वारा, साधारणतया या तो आत्यंतिक रूप से या ऐसी शर्तों के अधीन रहते हुए, जो नियमों में विनिर्दिष्ट की जाएं, किसी भी वर्ग के व्यक्तियों को उपधारा (३) या उपधारा (५) अथवा दोनों के उपबंधों से छुट दे सकेगी ।
८)मोटर साइकिल चलाने के लिए इस अधिनियम के प्रारंभ के ठीक पूर्व प्रवृत्त कोई शिक्षार्थी अनुज्ञप्ति, ऐसे प्रारंभ के पश्चात्, गियर वाली या बिना गियर वाली किसी मोटर साइकिल के चलाने के लिए प्रभावी समझी जाएगी ।
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१. २०१९ का ३२ धारा ४ (एक) द्वारा उस अनुज्ञापन प्राधिकारी को आवेदन कर सकेगा जिसकी अधिकारिता ऐसे क्षेत्र पर है शब्दों के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
२. २०१९ का ३२ धारा ४ (दो) द्वारा तथा ऐसी फीस होगी जो केन्द्रीय सरकार द्वारा विहित की जाए शब्दों के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
३. २०१९ का ३२ धारा ४ (तीन) द्वारा प्रत्येक आवेदन शब्दों के स्थान पर प्रतिस्थापित।
४. २०१९ का ३२ धारा ४ (तीन) द्वारा उपधारा ३ में परंतुक का लोप किया गया ।
५. २०१९ का ३२ धारा ४ (चार) द्वारा अशक्त यात्री गाडी शब्दों के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
६. २०१९ का ३२ धारा ४ (पाँच) द्वारा अनुज्ञापन प्राधिकारी के समाधानप्रद रूप में ऐसे परीक्षण में उत्तीर्ण नहीं हो जाता शब्दों के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
७. २०१९ का ३२ धारा ४ (छह) द्वारा उपधारा (६) में परंतुक पश्चात परंतुक अंत:स्थापित ।

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