मोटर यान अधिनियम १९८८
धारा ८८क :
१.(केंद्रीय सरकार की राष्ट्रीय, मल्टी माडल और अंतर्राज्य यात्रियों और मालों के परिवहन के लिए स्कीमें बनाने की शक्ति :
१) इस अधिनियम में अंतर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी केंद्रीय सरकार राजपत्र में अधिसूचना द्वारा इस अधिनियम के अधीन जारी किसी परमिट को उपांतरित कर सकेगी या राष्ट्रीय, मल्टीमाडल और माल या यात्रियों के अंतर्राज्य परिवहन के लिए स्कीमें बना सकेगी तथा निम्नलिखित प्रयोजनों के लिए ऐसी स्कीम के अधीन अनुज्ञप्तियां जारी कर सकेगी या उपांतरित कर सकेगी, अर्थात् :-
(a)क) अंतिम स्थान को संपर्क;
(b)ख) ग्रामीण परिवहन;
(c)ग) माल और लाजिस्टिक के संचलन में सुधार;
(d)घ) परिवहन आस्तियों का बेहतर उपयोग;
(e)ङ) प्रतिस्पर्धा, उत्पादकता और दक्षता के माध्यम से क्षेत्र की आर्थिक ओजस्विता का वर्धन;
(f)च) लोगों की पहुंच और सचलता में वृद्धि;
(g)छ) पर्यावरण का संरक्षण और वर्धन;
(h)ज) ऊर्जा संरक्षण का संवर्धन;
(i)झ) जीवन की क्वालिटी में सुधार;
(j)ञ) परिवहन के तरीकों में और उनमें परिवहन प्रणाली के एकीकरण और संपर्क का वर्धन; और
(k)ट) ऐसे अन्य विषय, जिन्हें केंद्रीय सरकार उचित समझे :
परंतु केंद्रीय सरकार इस उपधारा के अधीन कोई कार्रवाई करने से पूर्व राज्य सरकारों से परामर्श करेगी ।
२) उपधारा (१) में अंतर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी दो या अधिक राज्य मालों या परिवहन के ऐसे राज्यों में प्रचालन के लिए स्कीमें बना सकेंगे :
परंतु केंद्रीय सरकार द्वारा उपधारा (१) के अधीन बनाई गई स्कीमों और दो या अधिक राज्यों द्वारा इस उपधारा के अधीन बनाई गई स्कीम में प्रतिकूलता की दशा में उपधारा (१) के अधीन बनाई गई स्कीमें अभिभावी होंगी ।)
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१. २०१९ का अधिनियम सं. ३२ की धारा ३४ द्वारा अंत:स्थापित ।