Mv act 1988 धारा ८१ : परमिटों को अस्तित्वावधि और उनका नवीकरण :

मोटर यान अधिनियम १९८८
धारा ८१ :
परमिटों को अस्तित्वावधि और उनका नवीकरण :
१)धारा ८७ के अधीन दिए गए अस्थायी परमिट या धारा ८८ की उपधारा (८) के अधीन दिए गए विशेष परमिट से भिन्न परमिट १.(उसके दिए जाने या नवीकरण की तारीख से) पांच वर्ष की अवधि के लिए प्रभावी होंगे :
परन्तु जहां परिमट धारा ८८ की उपधारा (१) के अधीन प्रतिहस्ताक्षरित है, वहां ऐसा प्रतिहस्ताक्षर नवीकरण के बिना ऐसी अवधि के लिए प्रभावी रहेगा जिससे कि प्राथमिक परमिट की विधिमान्यता के समसामयिक हो सके ।
२)परमिट का नवीकरण उसके अवसान की तारीख से कम से कम पंद्रह दिन पहले किए गए आवेदन पर किया जा सकेगा।
३)उपधारा (२) में किसी बात के होते हुए भी, यथास्थिति, प्रादेशिक परिवहन प्राधिकरण या राज्य परिवहन प्राधिकरण परमिट के नवीकरण के लिए आवेदन को उस उपधारा में विनिर्दिष्ट अन्तिम तारीख के पश्चात् ग्रहण कर सकेगा यदि उसका यह समाधान हो जाता है कि आवेदन विनिर्दिष्ट समय के अंदर आवेदन करने से उचित और पर्याप्त हेतुक से निवारित हो गया था ।
४)यतथास्थिति, प्रादेशिक परिवहन प्राधिकरण या राज्य परिवहन प्राधिकरण निम्नलिखित आधारों में से किसी एक या अधिक आधार पर परमिट के नवीकरण के आवेदन को नामंजूर कर सकता है, अर्थात् :-
(a)क)आवेदक की वित्तीय दशा, जो आवेदन पर विचार किए जाने की तारीख से पूर्व दिवालापन या तीस दिन की अवधि तक ऋणों के संदाय की डिक्रियों की तुष्टि न होने से साक्ष्यित है :
(b)ख)आवेदक, आवेदन पर विचार किए जाने की उस तारीख के पंद्रह दिन पूर्व से गणना करने पर बारह मास के भीतर उस द्वारा चलाई जा रही मंजिली गाडी सेवा के परिणामस्वरूप किए गए निम्नलिखित अपराधों में से किसी अपराध के लिए दो अधिक बार दंडित किया गया है, अर्थात्
१) (१) ऐसे यान पर देय कर का संदाय किए बिना कोई वाहन चलाना;
२)कर के संदाय के लिए अनुज्ञात अनुकंपा अवधि के दौरान ऐसे कर का संदाय किए बिना कोई वाहन चलाना और तत्पश्चात् ऐसे यान को चलाना बंद कर देना;
३)किसी अप्राधिकृत मार्ग पर कोई वाहन चलाना;
२)अप्राधिकृत ट्रिप लगाना :
परंतु खंड (ख) के प्रयोजन के लिए दंडादेशों की संख्या की गणना करने में, अपील प्राधिकारी के आदेश से रोके गए दंडादेश को हिसाब में नहीं लिया जाएगा :
परन्तु यह और कि इस उपधारा के अधीन कोई आवेदन तब तक नामंजूर नहीं किया जाएगा जब तक आवेदक को सुनवाई का अवसर नहीं दे दिया जाता है ।
५)जहां किसी परमिट की अवधि की समाप्ती के पश्चात् इस धारा के अधीन उसका नवीकरण किया गया है वहां ऐसा नवीकरण ऐसी समाप्ति की तारीख से प्रभावी होगा चाहे धारा ८७ के खंड (घ) के अधीन अस्थायी परमिट दिया गया हो या न दिया गया हो तथा जहां अस्थायी परमिट दिया गया है वहां ऐसे अस्थायी परमिट के संबंध में दी गई फीस वापस कर दी जाएगी ।
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१.१९९४ के अधिनियम सं. ५४ की धारा २६ द्वारा (१४-११-१९९४ से )प्रतिस्थापित ।

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