Mv act 1988 धारा ६६क : १.(राष्ट्रीय परिवहन नीति :

मोटर यान अधिनियम १९८८
धारा ६६क :
१.(राष्ट्रीय परिवहन नीति :
१) केंद्रीय सरकार राज्य सरकारों और अन्य अभिकरणों के परामर्श से इस अधिनियम के उद्देश्यों से संगत राष्ट्रीय नीति निम्नलिखित को ध्यान में रखते हुए तैयार करेगा-
एक) यात्री और माल परिवहन के लिए योजना फ्रेमवर्क तैयार करना, जिसके भीतर परिवहन निकाय प्रचालन करेंगे ;
दो) एकीकृत मल्टी माडल परिवहन प्रणाली के परिदान के लिए सडक परिवहन के सभी रुपों के लिए मध्यम और दीर्घ अवधि योजना ढांचा स्थापित करना, पत्तनों, रेल और विमानन से संबंधित प्राधिकारियों और अभिकरणों के साथ स्थानीय और राज्य स्तर योजना, भूमि धृति और विनियामक प्राधिकारियों के साथ परामर्श से परिवहन सुधार अवसंरचना विकास के क्षेत्रों की पहचान करना;
तीन) परमिटों और स्कीमों को अनुदत्त करने के लिए ढांचा स्थापित करना;
चार) सडक द्वारा परिवहन के लिए सामरिक नीति स्थापित करना और परिवहन के अन्य साधनों के साथ एक संपर्क के रुप में उसकी भूमिका;
पांच) परिवहन प्रणाली के लिए सामरिक नीतियों की पहचान करना और पूर्विकताओं को विनिर्दिष्ट करना, जो वर्तमान तथा भावी चुनौतियों पर ध्यान देती है;
छह) मध्यम से दीर्घावधि सामरिक निदेश, पूर्विकताओं और कार्रवाईयों का उपबंध करने;
सात) प्रतिस्पर्धा, नवपरिवर्तन, सक्षमता में वृद्धि, बेरोकटोक सचलता और माल या पशु धन या यात्रियों के परिवहन में बृहत्तर दक्षता और संसाधनों का मितव्ययी उपयोग;
आठ) परिवहन क्षेत्र में प्राइवेट भागीदारी और पब्लिक-प्राइवेट भागीदारी को बढाते हुए जनता के हितों के सुरक्षोपाय और साम्या का संवर्धन;
नौ) परिवहन और भू-उपयोग योजना के लिए एक एकीकृत अप्रोच का प्रदर्शन;
दस) उन चुनौतियों की पहचान करना, जिनको राष्ट्रीय परिवहन नीति दूर करना चाहती है; और
ग्यारह) कोई अन्य विषय पर ध्यान देना, जो केंद्रीय सरकार द्वारा सुसंगत समझा जाए ।)
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१. २०१९ का अधिनियम सं. ३२ की धारा ३० द्वारा अंत:स्थापित ।

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