Mv act 1988 धारा ५५ : रजिस्ट्रीकरण का रद्द किया जाना :

मोटर यान अधिनियम १९८८
धारा ५५ :
रजिस्ट्रीकरण का रद्द किया जाना :
१)यदि कोई मोटर यान नष्ट हो गया है या स्थायी रूप से इस लायक नहीं रह गया है कि उसका उपयोग किया जा सके, तो स्वामी उस बात की रिपोर्ट चौदह दिन के अन्दर अथवा यथाशक्य शीघ्र, उस रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी को देगा जिसकी अधिकारिता के अंदर, यथास्थिति, उसका निवास स्थान या कारबार का स्थान है, जहां यान सामान्यतया रखा जाता है तथा वह यान के रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र को उस प्राधिकारी के पास भेज देगा।
२)यदि रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी मूल रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी है तो वह रजिस्ट्रीकरण और रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र को रद्द करेगा, अथवा यदि वह ऐसा प्राधिकारी नहीं है तो मूल रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी को वह रिपोर्ट और रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र भेज देगा और वह प्राधिकारी रजिस्ट्रीकरण को रद्द करेगा ।
३) कोई रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी किसी ऐसे मोटर यान की बाबत, जो उसकी अपनी अधिकारिता के अंदर है, यह आदेश दे सकेगा कि उसकी परीक्षा ऐसे प्राधिकारी द्वारा की जाए जिसे राज्य सरकार आदेश द्वारा नियुक्त करे तथा यदि ऐसी परीक्षा करने पर और उसके स्वामी को (उसके उस पते से, जो रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र में दिया हुआ है रसीदी रजिस्ट्री डाक से सूचना भेज कर ) ऐसा अभ्यावेदन करने का, जैसा वह करना चाहे, अवसर देने के पश्चात् उसका यह समाधान हो जाता है कि वह यान ऐसी हालत में है कि वह इस लायक नहंी है कि उसका उपयोग किया जा सके अथवा सार्वजनिक स्थान में उसके उपयोग से जनता के लिए खतरा पैदा होगा और वह इस योग्य भी नहीं है कि उसकी समुचित मरम्मत की जा सके तो वह रजिस्ट्रीकरण को रद्द कर सकेगा ।
४)यदि रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी का समाधान हो जाता है कि कोई मोटर यान स्थायी रूप से भारत से बाहर ले जाता गया है तो रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी उसके रजिस्ट्रीकरण का रद्द करेगा ।
५) यदि रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी का समाधान हो जाता है कि किसी मोटर यान का रजिस्ट्रीकरण ऐसे दस्तावेजों के आधार पर तथ्यों के ऐसे व्यपदेशन द्वारा अभिप्राप्त किया गया है जो किसी सारवान् प्रविष्टि के संबंध में मिथ्या थे या उस पर समुदभूत इंजिन संख्यांक या चेसिस संख्यांक रजिस्ट्रकरण प्रमाणपत्र में प्रविष्ट ऐसे संख्यांक से भिन्न है तो रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी (उसके उस पते पर जो रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र में दिया हुआ है, रसीदी रजिस्ट्री डाक से सूचना भेज कर ) स्वामी को ऐसा अभ्योवदन करने का अवसर देने के पश्चात् जो वह करना चाहे और उन कारणों से जो लेखबध्द किए जाएंगे, रजिस्ट्रीकरण रद्द करेगा ।
(5A)१.(५क) यदि किसी रजिस्ट्रीकरण प्राधिकारी या अन्य विहित प्राधिकारी के पास यह विश्वास करने के कारण हैं कि उसकी अधिकारिता के भीतर किसी मोटर यान का उपयोग धारा १९९क के अधीन दंडनीय किसी अपराध को करने के लिए किया गया है तो प्राधिकारी स्वामी को लिखित में अभ्यावेदन करने का अवसर प्रदान करने के पश्चात् एक वर्ष की अवधि के लिए यान के रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र को रद्द कर सकेगा :
परंतु यान का स्वामी धारा ४० और धारा ४१ के उपबंधों के अनुसार नए रजिस्ट्रीकरण के लिए आवेदन कर सकेगा ।)
६)धारा ५४ के अधीन या इस धारा के अधीन किसी मोटर यान के रजिस्ट्रीकरण को रद्द करने वाला रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी यान के स्वामी की उस बात को संसूचना लिखित रूप से देगा और उस यान का स्वामी उस यान के रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र को तत्काल उस प्राधिकारी को अभ्यार्पित कर देगा ।
७) धारा ५४ के अधीन या इस धारा के अधीन रद्द करने का आदेश देने वाला रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी, यदि वह मूल रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी है तो रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र को और अपने अभिलेखों में उस यान के बारे में जो कुछ दर्ज किया गया है उसको रद्द करेगा तथा यदि वह मूल रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी नहीं है तो उस रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी को रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र भेजेगा और वह प्राधिकारी रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र के और अपने अभिलेखों में उस मोटर यान के बारे में की गई प्रविष्टि को रद्द करेगा ।
८)इस धारा में और धारा ४१, धारा ४९, धारा ५०, धारा ५१, धारा ५२, धारा ५३ और धारा ५४ में मूल रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी पद से वह रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी अभिप्रेत है, जिसके अभिलेख में यान का रजिस्ट्रीकरण अभिलिखित किया गया है ।
९)इस धारा में रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र के अंतर्गत इस अधियिनम के उपबंधों के अधीन नवीकृत रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र आता है ।
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१. २०१९ का अधिनियम सं. ३२ की धारा २२ द्वारा उपधारा ५ के पश्चात उपधारा ५क प्रतिस्थापित ।

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