मोटर यान अधिनियम १९८८
धारा ५२ :
१.(मोटर यान में परिवर्तन :
१) मोटर यान का कोई स्वामी, यान में इस प्रकार का परिवर्तन नहीं करेगा जिससे रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र में अंतर्विष्ट विशिष्टियों से भिन्न हों जो विनिर्माता द्वारा मूल रूप से विनिर्दिष्ट की गई हों :
परन्तु जहां मोटर यान का स्वामी, भिन्न प्रकार के ईंधन या ऊर्जा के स्त्रोत से, जिसके अंतर्गत बैटरी, संपीडित प्राकृतिक गैस, सौर शक्ति, द्रवीकृत पेट्रोलियम गैस या कोई अन्य ईंधन या ऊर्जा का कोई स्त्रोत भी है, प्रचालन को सुकर बनाने के लिए मोटर यान के इंजन या उसके किसी भाग में उपान्तरण, संपरिवर्तन किट लगाकर करता है वहां ऐसा उपान्तरण ऐसी शर्तो के अधीन किया जाएगा, जो विहित की जाएं :
२.(परन्तु यह और कि केंद्रीय सरकार मोटर यानों में परिवर्तन के लिए विनिर्देश, अनुमोदन और पुन: संयोजन के लिए शर्ते तथा अन्य संबद्ध विषय विहित कर सकेगी और ऐसे मामलों में, विनिर्माता द्वारा दी गई वारंटी को ऐसे परिवर्तन या पुन: संयोजन के प्रयोजनों के लिए शून्य नहीं समझा जाएगा ।)
परन्तु यह भी कि केन्द्रीय सरकार किसी विनिर्दिष्ट प्रयोजन के लिए ऊपर विनिर्दिष्ट रीति से भिन्न रीति में यानों में परिवर्तन के लिए छूट प्रदान कर सकेगी ।
(1A)३.(१क) किसी मोटार यान का विनिर्माता केन्द्रीय सरकार द्वारा जारी निदेश पर केन्द्रीय सरकार द्वारा विनिर्दिष्ट ऐसे मानकों और विनिर्देशों के अनुसार सुरक्षा उपस्करों या किसी अन्य उपस्कर में परिवर्तन या पुन: सयोजन करेगा ।)
४.(२) उपधारा (१) में अंतर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी कोई व्यक्ति, रजिस्ट्रीकरण प्राधिकारी के पश्चात्वर्ती अनुमोदन से उसके स्वामित्वाधीन किसी यान में परिवर्तन कर सकेगा या उसे किसी रुपांतरित यान में बदलना कारित कर सकेगा :
परंतु ऐसा परिवर्तन ऐसी शर्तो का अनुपालन करेगा, जो केंद्रीय सरकार द्वारा विहित की जाए ।)
३) जहां किसी मोटर यान में कोई परिवर्तन रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी के अनुमोदन के बिना ५.(***) वहां यान का स्वामी ऐसा परिवर्तन किए जाने के चौदह दिन के भीतर परिवर्तन की रिपोर्ट उस रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी को करेगा जिसीक अधिकारिता के भीतर वह निवास करता है और रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र को विहित फीस के साथ उस प्राधिकारी को भेजेगा जिससे उसमें रजिस्ट्रीकरण की विशिष्टियां प्रविष्ट की जा सकें ।
४)मूल रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी से भिन्न रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी जो कोई ऐसी प्रविष्टि करता है, प्रविष्टि के ब्यौरों की संसूचना मूल रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी को देगा ।
५)उपधारा (१), उपधारा (२) उपधारा (३) और उपधारा (४) के अधीन बनाए गए उपबंधों के अधीन रहते हुए, अवक्रय करार के अधीन यान रखने वाला कोई रजिस्ट्रीकृत स्वामी की लिखित सहमति के बिना यान में कोई परिवर्तन नहीं करेगा ।
स्पष्टीकरण :
इस धारा के प्रयोजनों के लिए, परिवर्तन से यान की संरचना में ऐसा परिवर्तन अभिप्रेत है जिसके परिणामस्वरूप उसके मूल स्वरूप में परिवर्तन हो जाता है ।)
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१. २००० के अधिनियम सं. २७ की धारा २ द्वारा प्रतिस्थापित ।
२. २०१९ का अधिनियम सं. ३२ की धारा २१ द्वारा दुसरे परंतुक (परन्तु यह और कि केन्द्रीय सरकार ऐसे संपरिवर्तन किटों के लिए विनिर्देश, अनुमोदनार्थ शर्तें, पश्चरूपांतरण या अन्य संबंधित विषय विहित कर सकेगी 🙂 के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
३. २०१९ का अधिनियम सं. ३२ की धारा २१ द्वारा अन्त:स्थापित ।
४. २०१९ का अधिनियम सं. ३२ की धारा २१ द्वारा धारा (२) उपधारा (१) में किसी बात के होते हुए भी, राज्य सरकार, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा ऐसे व्यक्ति को, जो कम से कम दस परिवहन यानों का स्वामी है, ऐसी शर्तों के अधीन रहते हुए, जो अधिसूचना में विनिर्दिष्ट की जाएं, अपने स्वामित्वाधीन किसी यान में ऐसा परिवर्तन करने की अनुज्ञा दे सकेगी जिससे कि वह रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी के अनुमोदन के बिना उसके इंजन को उसी मेक और उसी प्रकार के इंजन से बदल सके ।) के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
५. २०१९ का अधिनियम सं. ३२ की धारा २१ द्वारा (या उपधारा (२) के अधीन किसी ऐसे अनुमोदन के बिना उसका इंजन बदलने के कारण किया गया है) शब्दों का लोप किया गया ।