मोटर यान अधिनियम १९८८
धारा ५० :
स्वामित्व का अंतरण :
१)जब इस अध्याय के अधीन रजिस्ट्रीकृत किसी मोटर यान का स्वामित्व अंतरित किया जाता है तब, –
(a)क)अंतरक –
एक) उसी राज्य के भीतर रजिस्ट्रीकृत यान की दशा में, अंतरण के चौदह दिन के भीतर अंतरण के तथ्य की रिपोर्ट ऐसे प्ररूप में और ऐसे दस्तावेजों सहित और ऐसी रीति से जो केन्द्रीय सरकार द्वारा विहित की जाए उस रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी का देगा जिसकी अधिकारिता के भीतर वह अंतरण किया जाने वाला है और उसी समय उक्त रिपोर्ट की एक प्रति अंतरिती को भेजेगा ; और
दो) राज्य के बाहर रजिस्ट्रीकृत यान की दशा में, अंतरण के पैंतालीस दिन के भीतर, उपखंड (१) में निर्दिष्ट रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी को –
(A)क) धारा ४८ के अधीन प्राप्त आक्षेप न होने का प्रमाणपत्र भेजेगा; या
(B)ख) ऐसे मामले में, जहां ऐसा प्रमाणपत्र प्राप्त नहीं किया गया है, –
१)धारा ४८ की उपधारा (२) के अधीन प्राप्त रसीद, या
२)यदि उसने धारा ४८ में निर्दिष्ट रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी को इस निमित्त आवेदन रसीदी रजिस्ट्री-डाक द्वारा भेजा है तो अंतरक द्वारा प्राप्त डाक रसीद, भेजेगा जिसके साथ यह घोषणा होगी कि उसे ऐसे प्राधिकारी से ऐसी कोई संसूचना प्राप्त नहीं हुई है जिसमें ऐसा प्रमाणपत्र दिए जाने से इंकार किया गया है या ऐसे किसी निदेश का पालन करने की उससे अपेक्षा की गई है जिसके अधीन ऐसा प्रमाणपत्र दिया जा सकेगा ;
(b)ख)अंतरिती उस अंतरण की रिपोर्ट अंतरण के तीस दिन के अंदर उस रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी को देगा जिसकी अधिकारिता के भीतर, यथास्थिति, उसका निवास-स्थान या कारबार का स्थान है जहां यान सामान्यतया रखा जाता है, और रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र विहित फीस तथा उसे द्वारा अंतरक से प्राप्त रिपोर्ट की एक प्रति के साथ उस रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी को भेजेगा जिससे स्वामित्व के अंतरण की विशिष्टियां रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र में प्रविष्ट की जा सकें ।
२)जहां –
(a)क) उस व्यक्ति की जिसके नाम में मोटर यान रजिस्ट्रीकृत है, मृत्यु हो जाती है, या
(b)ख) मोटर यान सरकार द्वारा या उसकी ओर से की गई किसी सार्वजनिक नीलामी में क्रय या अर्जित किया गया है,
वहां याने के कब्जे को उत्तराधिकार में प्राप्त करने वाला व्यक्ति या, यथास्थिति, वहा व्यक्ति जिसने मोटर यान क्रय या अर्जित किया है, अपने नाम में यान के स्वामित्व का अंतरण कराने के प्रयोजन के लिए उस रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी को, जिसकी अधिकारिता में, यथास्थिति, उसका निवास स्थान का कारबार का स्थान है, जहां यान सामान्यतया रखा जाता है, ऐसी रीति में ऐसी विहित फीस सहित और ऐसी अवधि के भीतर, जो केन्द्रीय सरकार द्वारा विहित की जाए, आवेदन करेगा ।
३) यदि अंतरक या अंतरिती रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी को अंतरण के तथ्य की रिपोर्ट, यथास्थिति, उपधारा (१) के खंड (क) या खंड (ख) में विनिर्दिष्ट अवधि के भीतर करने में असफल रहता है, या यदि वह व्यक्ति जिससे उपधारा (२) के अधीन आवेदन करने की अपेक्षा की जाती है (जिसे इस धारा में इसके पश्चात् अन्य व्यक्ति कहा गया है ) विहित अवधि के भीतर ऐसा आवेदन करने में असफल रहता है तो रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी मामले की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, यथास्थिति, अंतरक या अंतरिती या अन्य व्यक्ति से ऐसी कार्रवाई के बदले में जो धारा १७७ के अधीन उसके विरूध्द की जाए, एक सौ रूपए से अनधिक उतनी रकम का, जो उपधारा (५) के अधीन विहित की जाए, संदाय करने की अपेक्षा कर सकेगा ;
परन्तु धारा १७७ के अधीन कोई कार्रवाई, यथास्थिति, अंतरक या अंतरिती या अन्य व्यक्ति के विरूध्द वहां की जाएगी जहां वह उक्त रकम को संदाय करने में असफल रहता है ।
४)जहां किसी व्यक्ति ने उपधारा (३) के अधीन रकम का संदाय कर दिया है, वहां उसके विरूध्द धारा १७७ के अधीन कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।
५)उपधारा (३) के प्रयोजनों के लिए, राज्य सरकार, मोटर यान के स्वामित्व के अंतरण के तथ्य की रिपोर्ट देने में अंतरक या अंतरिती या उपधारा (२) के अधीन आवेदन करने में अन्य व्यक्ति की ओर से किए गए विलंब की अवधि को ध्यान में रखते हुए भिन्न भिन्न रकमें विहित कर सकेगी ।
६) उपधारा (१) के अधीन रिपोर्ट की या उपधारा (२)के अधीन आवेदन की प्राप्ति पर रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी स्वामित्व के अंतरण को रजिस्ट्रीकरण प्रमाणपत्र में प्रविष्ट करा सकेगा ।
७)रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी, जो ऐसी कोई प्रविष्टि करता है, स्वामित्व के अंतरण की संसूचना अंतरक को, और यदि वह मूल रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी नहीं है तो मूल रजिस्ट्रीकर्ता प्राधिकारी को देगा ।