Mv act 1988 धारा ३८ : राज्य सरकार की नियम बनाने की शक्ति :

मोटर यान अधिनियम १९८८
धारा ३८ :
राज्य सरकार की नियम बनाने की शक्ति :
१) राज्य सरकार इस अध्याय के उपबंधों को कार्यान्वित करने के प्रयोजन के लिए नियम बना सकेगी ।
२) पूर्वगामी शक्ति की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, ऐसे नियमों में निम्नलिखित के लिए उपबंध हो सकेगा :-
(a)क) इस अध्याय के अधीन अनुज्ञापन प्राधिकारियों और अन्य विहित प्राधिकारियों की नियुक्ति, अधिकारिता, नियंत्रण और कृत्य :
(b)ख) वे शर्ते जिनके अधीन रहते हुए कंडक्टी के कृत्यों का पालन करने वाले मंजिलों गाडियों के ड्राइवरों को और कंडक्टरों के रूप कार्य करने के लिए अस्थायी रूप से नियोजित व्यक्तियों को धारा २९ की उपधारा (१) के उपबंधों से छुट दी जा सकेगी ;
(c)ग) कंडक्टरों की न्यूनतम शैक्षिक अर्हताएं, उनके कर्तव्य और कृत्य और उन व्यक्तियों के आचरण, जिनको कंडक्टर अनुज्ञाप्तियां दी गई हैं;
(d)घ) कंडक्टर अनुज्ञप्तियों के लिए अथवा ऐसी अनुज्ञप्तियों के नवीकरण के लिए आवेदन के प्ररूप और वे विशिष्टियां, जो उसमें हो सकेंगी ;
(e)ड) वह प्ररूप, जिसमें कंडक्टर अनुज्ञप्तियां दी जा सकेंगी या उनका नवीकरण किया जा सकेगा और वे विशिष्टियां, जो उसमें हो सकेंगी ;
(f)च) किन्हीं खोई, नष्ट या कटी-फटी अनुज्ञप्तियों के बदले में दूसरी अनुज्ञप्तियों का दिया जाना ; ऐसी फोटो के बदले में, जो पुरानी पड गई हैं, नई फोटो रखना और लिए प्रभारित की जाने वाली फीसें ;
(g)छ) इस अध्याय के अधीन की जाने वाली अपीलों का संचालन और उनकी सुनवाई, ऐसी अपीलों की बाबत देय फीसें और ऐसी फीसों का वापस दिया जाना :
परन्तु इस प्रकार नियत की जाने वाली कोई पच्चीस रूपए से अधिक नहींं होगी ;
(h)ज) मंजिली गाडियों के कडक्टरों द्वारा पहली जाने वाली वर्दी और लगाए जाने वाले बैज, और ऐसे बैजों के लिए दी जाने वाली फीसें ;
(i)झ) रजिस्ट्रीकृत चिकित्सा व्यवसायियों द्वारा धारा ३० की उपधारा (३) में निर्दिष्ट प्रमाणपत्रों का दिया जाना, और ऐसे प्रमाणपत्रों के प्ररूप;
(j)ञ) वे शर्ते जिनके अधीन रहते हुए और वह विस्तार जिस तक अन्य राज्य में दी गई कंडक्टर अनुज्ञप्ति राज्य में प्रभावी होगी :
(k)ट) कंडक्टर अनुज्ञप्तियों की विशिष्टियों की एक प्राधिकारी से अन्य प्राधिकारियों को संसूचना ; और
(l)ठ) कोई अन्य विषय जो विहित किया जाना है या किया जाए ।

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