मोटर यान अधिनियम १९८८
धारा २१ :
कुछ मामलों में चालन-अनुज्ञप्ति का निलंबन :
१) जहां किसी ऐसे व्यक्ति के संबंध में, जो धारा १८४ के अधीन दंडनीय किसी अपराध के लिए पहले दोषसिध्द किया जा चुका है, किसी पुलिस अधिकारी द्वारा इस अभिकथन पर कोई मामला रजिस्टर किया गया है कि ऐसे व्यक्ति ने किसी वर्ग या वर्णन के मोटर यान को ऐसे खतरनाक रूप से चलाने के कारण, जैसे कि उक्त धारा १८४ में निर्दिष्ट है, एक या अधिक व्यक्तियों की मृत्यु या उन्हें घोर उपहति कारित की है, वहां ऐसे व्यक्ति द्वारा ऐसे वर्ग या वर्णन के मोटर यान के संबंध में पारित चालन-अनुज्ञप्ति-
(a)क) उस तारीख से, जिसको मामला रजिस्टर किया जाता है, छह मास की अवधि तक के लिए, या
(b)ख) यदि ऐसा व्यक्ति पूर्वाेक्त अवधि की समाप्ति के पूर्व उन्मोचित या दोषमुक्त किया गया है तो, यथास्थिति, ऐसे उन्मोचन या दोषमुक्ति तक के लिए, निलंबित हो जाएगी ।
२)जहां किसी व्यक्ति द्वारा धारित चालन-अनुज्ञप्ति, उपधारा (१) के उपबंधों के आधार पर निलंबित हो जाती है, वहां वह पुलिस अधिकारी, जिसने उपधारा (१) में निर्दिष्ट मामला रजिस्टर किया है, ऐसे निलंबन की जानकारी उस न्यायालय को देगा जो ऐसे अपराध का संज्ञान करने के लिए सक्षम है और तब ऐसा न्यायालय चालन-अनुज्ञप्ति को कब्जे में ले लेगा, उस पर निलंबन का पृष्ठांकन करेगा और ऐसे पृष्ठांकन के तथ्य की सूचना उस नवीकरण प्राधिकारी को देगा जिसने वह अनुज्ञप्ति दी थी या उसका अंतिम बार नवीकरण किया था ।
३)जहां उपधारा (१) में निर्दिष्ट व्यक्ति दोषमुक्त या उन्मोचित किया जाता है, वहां न्यायालय, चालन-अनुज्ञप्ति के निलम्बन के संबंध में ऐसी चालन-अनुज्ञप्ति पर किए गए पृष्ठांकन को रद्द करेगा ।
४)यदि किसी विशिष्ट वर्ग या वर्णन के मोटर यान के संबंध में कोई चालन-अनुज्ञप्ति उपधारा (१) के अधीन निलंबित की जाती है तो ऐसी अनुज्ञप्ति को धारण करने वाला व्यक्ति ऐसे विशिष्ट वर्ग या वर्णन के मोटर यानों को चलाने के लिए कोई अनुज्ञप्ति धारण करने से या उसे अभिप्राप्त करने से तब तक के लिए विवर्जित किया जाएगा जब तक कि चालन-अनुज्ञप्ति का निलंबन प्रवृत्त रहता है ।