मोटर यान अधिनियम १९८८
धारा १९८क :
१.(सडक डिजाइन संनिर्माण और रख-रखाव के मानकों का अनुपालन करने में असफल रहना :
१) सडक के डिजाइन या संनिर्माण या रख-रखाव के सुरक्षा मानकों के लिए उत्तरदायी कोई अभिहित प्राधिकारी, संविदाकार, परामर्शी या ग्राही सडक डिजाइन, संनिर्माण और रख-रखाव के ऐसे मानकों का अनुपालन करेगा, जो केन्द्रीय सरकार द्वारा समय-समय पर विहित किए जाएं ।
२) जहां उपधारा (१) के अधीन उत्तरदायी किसी अभिहित प्राधिकारी, संविदाकार, परामर्शी या ग्राही द्वारा सडक डिजाइन, संनिर्माण और रख-रखाव के मानकों का अनुपालन करने में असफल रहने के परिणामस्वरुप किसी व्यक्ति की मृत्यु या नि:शक्तता होती है वहां ऐसा प्रधिकारी या संविदाकार या ग्राही ऐसे जुर्माने से दंडनीय होगा, जो एक लाख रुपए तक का हो सकेगा और उसका संदाय धारा १६४ख के अधीन गठित निधि में किया जाएगा ।
३) उपधारा (२) के प्रयोजनों के लिए न्यायालय विशिष्ट रुप से निम्नलिखित विषयों को ध्यान में रखेगा, अर्थात् :-
(a)क) सडक की विशेषताएं और ऐसे यातायात की प्रकृति और किस्म जिसके द्वारा उसे युक्तियुक्त रुप से सडक के डिजाइन के अनुसार उपयोग किया जाना संभावी है ;
(b)ख) उस विशेषता की सडक और ऐसे यातायात द्वारा उपयोग के लिए लागू रख-रखाव संनियमों का मानक;
(c)ग) मरम्मत की वह स्थिति जिसमें सडक को उपयोग करने वाले उस सडक को पाए जोन की प्रत्याशा करते हैं;
(d)घ) क्या सडक के रख-रखाव के लिए उत्तरदायी अभिहित प्राधिकारी यह जानता था या उससे यह जानने की युक्तियुक्त रुप से प्रत्याशी की जा सकती थी कि सडक के उस भाग की, जिससे कार्रवाई संबंधित है, स्थिति के कारण सडक का उपयोग करने वाली के खतरे में पडने की संभावना थी ;
(e)ङ) क्या सडक के रख-रखाव के लिए उत्तरदायी अभिहित प्राधिकारी से युक्तियुक्त रुप से यह प्रत्याशित था कि वह हेतुक उद्भूत होने से पूर्व सडक के उस भाग की मरम्मत करता ;
(f)च) क्या सडक चिन्हों के माध्यम से सडक की स्थिति के संबंध में पर्याप्त चेतावनी सूचनाएं प्रदर्शित की गई थी; और
(g)छ) ऐसे अन्य विषय, जो केन्द्रीय सरकार द्वारा विहित किए जाएं ।
स्पष्टीकरण :
इस धारा के प्रयाजनों के लिए, संविदाकार पद में उप-संविदाकार और ऐसे सभी व्यक्ति सम्मिलित होंगे, जो किसी भी प्रक्रम पर सडक के भाग के डिजाइन, संनिर्माण और रख-रखाव के लिए उत्तरदायी हैं ।)
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१. २०१९ का अधिनियम सं. ३२ की धारा ८४ द्वारा धारा १९८ के पश्चात अंत:स्थापित ।