Mv act 1988 धारा १९३ : बिना समुचित प्राधिकार वाले १.(अभिकर्ताओं, प्रचारकों और संकलनकर्ताओं) के लिए दण्ड :

मोटर यान अधिनियम १९८८
धारा १९३ :
बिना समुचित प्राधिकार वाले १.(अभिकर्ताओं, प्रचारकों और संकलनकर्ताओं) के लिए दण्ड :
२.(१) जो कोई धारा ९३ के अथवा उसके अधीन बनाए गए किन्हीं नियमों के उपबन्धों का उल्लंघन करके अभिकर्ता या प्रचारक के रूप में काम करेगा वह प्रथम अपराध के लिए ३.(एक हजार रुपए) जुर्माने से, तथा द्वितीय या पश्चात्वर्ती अपराध के लिए कारावास से, जो छह मास तक का हो सकेगा, या ४.(दो हजार रुपए) जुर्माने से, अथवा दोनों से, दण्डनीय होगा ।)
५.(२) जो कोई धारा ९३ या उसके अधीन बनाए गए नियमों के उपबंधों के उल्लंघन में एक संकलनकर्ता के रुप में कार्य करता है तो वह ऐसे जुर्माने से, जो एक लाख रुपए तक qकतु पच्चीस हजार रुपए से कम का नहीं होगा ।
३) जो कोई, एक संकलनकर्ता के रुप में कार्य करते समय, धारा ९३ की उपधारा (४) के अधीन अनुदत्त अनुज्ञप्ति की ऐसी शर्त का उल्लंघन करता है जो राज्य सरकार द्वारा तात्विक शर्त के रुप में नामोद्दिष्ट नहीं है, पांच हजार रुपए के जुर्माने से दंडनीय होगा ।)
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१. २०१९ का अधिनियम सं. ३२ की धारा ७७ द्वारा शीर्षक (अभिकर्ताओ और प्रचारकों) शब्दों के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
२. २०१९ का अधिनियम सं. ३२ की धारा ७७ द्वारा उपधारा (१) के रुप में पुर्नसंख्यांकित किया गया ।
३. २०१९ का अधिनियम सं. ३२ की धारा ७७ द्वारा (जो एक हजार रूपए तक का हो सकेगा) शब्दों के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
४. २०१९ का अधिनियम सं. ३२ की धारा ७७ द्वारा (जो दो हजार रूपए तक का हो सकेगा) शब्दों के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
५. २०१९ का अधिनियम सं. ३२ की धारा ७७ द्वारा उपधारा (१) के पश्चात् अंत:स्थापित ।

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