मोटर यान अधिनियम १९८८
धारा १९२क :
१.(परमिट के बिना यान का उपयोग :
१) जो कोई धारा ६६ की उपधारा (१) के उपबन्धों के उल्लंघन में अथवा ऐसे परमिट की उस मार्ग संबंधी जिस पर या उस क्षेत्र संबंधी जिसके लिए उस यान का उपयोग किया जा सकेगा, किसी शर्त उल्लंघन में यान को चलाएगा, अथवा मोटर यान का उपयोग कराएगा या किए जाने देगा, वह प्रथम अपराध के लिए जुर्माने से, २.( ऐसे कारावास से जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी और) ३.(दस हजार रुपए), तथा किसी पश्चात्वर्ती अपराध के लिए कारावास से, जिसकी अवधि एक वर्ष तक की हो सकेगी, किन्तु ४.(छह मास) के कम की नहीं होगी, या ५.(दस हजार रुपए) जुर्माने से , अथवा दोनों से, दण्डनीय होगा :
परन्तु न्यायालय ऐसे कारणों से, जो लेखबध्द किए जाएंगे, कोई लघुतर दण्ड अधिरोपित कर सकेगा ।
२)इस धारा की कोई बात आयात के दौरान ऐसे व्यक्तियों को ले जाने के लिए, जो रोग से या क्षति से ग्रस्त हैं या मरम्मत के लिए सामग्री के या कष्ट निवारण के लिए खाद्य या सामग्रियों के या वैसे ही प्रयोजन के लिए चिकित्सीय प्रदायों के परिवहन के लिए मोटर यान के उपयोग के संबंध में लागू नहीं होगी :
परन्तु यह तब जब कि वह व्यक्ति, जो यान का उपयोग कर रहा है, उसके बारे में रिपोर्ट प्रादेशिक परिवहन प्राधिकरण को ऐसे उपयोग की तारीख से सात दिन के भीतर दे दे ।
३) वह न्यायालय, जिसमें उपधारा (१) में विनिर्दिष्ट प्रकृति के अपराध की बाबत किसी दोषसिध्दी की अपील होती है, निचले न्यायालय द्वारा किए गए किसी आदेश का इस बात के होते हुए भी अपास्त कर सकेगा या परिवर्तित कर सकेगा कि उस दोषसिध्दि के विरूध्द, जिसके संबंध में ऐसा आदेश किया गया था, कोई अपील नहीं होती है । )
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१. १९९४ के अधिनियम सं. ५४ की धारा ५६ द्वारा प्रतिस्थापित ।
२. २०१९ का अधिनियम सं. ३२ की धारा ७५ द्वारा (प्रथम अपराध के लिए ऐसे जुर्माने से) शब्दों के पश्चात अंत:स्थापित ।
३. २०१९ का अधिनियम सं. ३२ की धारा ७५ द्वारा (जो पांच हजार रूपए तक का हो सकेगा, किन्तु दो हजार रूपए से कम का नहीं होगा) शब्दों के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
४. २०१९ का अधिनियम सं. ३२ की धारा ७५ द्वारा (तीन मास) शब्दों के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
५. २०१९ का अधिनियम सं. ३२ की धारा ७५ द्वारा (जो पांच हजार रूपए तक का हो सकेगा, किन्तु दो हजार रूपए से कम का नहीं होगा) शब्दों के स्थान पर प्रतिस्थापित ।