मोटर यान अधिनियम १९८८
धारा १७३ :
अपीलें :
१) उपधारा (२) के उपबंधों के अधीन रहते हुए, कोई भी व्यक्ति, जो दावा अधिकरण के अधिनिर्णय से व्यथित है, उस अधिनिर्णय की तारीख से नब्बे दिन के भीतर उच्च न्यायालय का अपील कर सकेगा :
परंतु ऐसे व्यक्ति की अपील उच्च न्यायालय द्वारा ग्रहण नहीं की जाएगी जिससे ऐसे अधिनिर्णय के निबंधनों के अनुसार किसी रकम का संदाय करने की अपेक्षा की गई है, यदि वह ऐसे उच्च न्यायालय में पच्चीस हजार रूपए या इस प्रकार अधिनिर्णीत रकम का पचास प्रतिशत, इनमें से जो भी कम हो, ऐेसे उच्च न्यायालय द्वारा निर्दिष्ट रीति से जमा नहीं कर देता :
परन्तु यह और कि यदि उच्च न्यायालय का यह समाधान हो जाता है कि समय पर अपील करने से अपीलार्थी पर्याप्त कारण से निवारित रहा था तो वह उक्त नब्बे दिन की अवधि की समाप्ति के पश्चात् भी अपील ग्रहण कर सकेगा ।
२) दावा अधिकरण के अधिनिर्णय के विरूध्द कोई अपील उस दशा में न होगी जिसमें अपील में विवादग्रस्त रकम १.(एक लाख) रूपए से कम है ।
————
१. २०१९ का अधिनियम सं. ३२ की धारा ५७ द्वारा (दस हजार) शब्दों के स्थान पर प्रतिस्थापित ।