मोटर यान अधिनियम १९८८
धारा १६८ :
दावा अधिकरणों का अधिनिर्णय :
१) धारा १६६ के अधीन किए गए प्रतिकर के लिए आवेदन की प्राप्ति पर, दावा अधिकरण बीमाकर्ता को आवेदन की सूचना देने और पक्षकारों को सुनवाई का अवसर देने के पश्चात् (जिसके अंतर्गत बीमाकर्ता भी है,) यथास्थिति, दावे की या दावों में से प्रत्येक की जांच करेगा तथा, १.(धारा १६३) के उपबंधों के अधीन रहते हुए, अधिनिर्णय देगा जिसमें प्रतिकर की उतनी रकम अवधारित होगी, जितनी उसे न्यायसंगत प्रतीत होती है तथा वह व्यक्ति या वे व्यक्ति विनिर्दिष्ट होंगे जिन्हें प्रतिकर दिया जाएगा और अधिनिर्णय देते समय दावा अधिकरण वह रकम विनिर्दिष्ट करेगा जो, यथास्थिति, बीमाकर्ता द्वारा या उस यान के जो दुर्घटना में अंतग्र्रस्त था, स्वामी या ड्राइवर द्वारा, अथवा उन सब या उनमें से किसी के द्वारा दी जाएगी ।
२.(परंतु जहां ऐसे आवेदन में किसी व्यक्ति की मृत्यु या स्थायी नि:शकतता के बारे में धारा १४० के अधीन प्रतिकर के लिए कोई दावा किया गया है, वहां ऐसा दावा और ऐसी मृत्यु या स्थायी नि:शक्तता के बारे में प्रतिकर के लिए कोई अन्य दावा (चाहे वह ऐसे आवेदन में या अन्यथा किया गया है) अध्याय १० के उपबंधों के अनुसार निपटाया जाएगा ।)
२)दावा अधिकरण अधिनिर्णय की प्रतियां संबंधित पक्षकारों को शीघ्र ही, और किसी भी दशा में अधिनिर्णय की तारीख से पन्द्रह दिन की अवधि के भीतर, परिदत्त करने की व्यवस्था करेगा ।
३)जहां इस धारा के अधीन कोई अधिनिर्णय किया जाता है वहां वह व्यकित जिससे ऐसे अधिनिर्णय के निबन्धनों के अनुसार किसी रकम का संदाय करने की अपेक्षा की जाती है, दावा अधिकरण द्वारा अधिनिर्णय घोषित करने की तारीख से तीस दिन के भीतर अधिनिर्णीत समस्त रकम, ऐसी रीति से जैसी दावा अधिकरण निर्दिष्ट करे, जमा करेगा ।
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१. २०१९ का अधिनियम सं. ३२ की धारा ५४ द्वारा १.(धारा १६२) शब्दों के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
२. २०१९ का अधिनियम सं. ३२ की धारा ५४ द्वारा परंतुक (परंतु जहां ऐसे आवेदन में किसी व्यक्ति की मृत्यु या स्थायी नि:शकतता के बारे में धारा १४० के अधीन प्रतिकर के लिए कोई दावा किया गया है, वहां ऐसा दावा और ऐसी मृत्यु या स्थायी नि:शक्तता के बारे में प्रतिकर के लिए कोई अन्य दावा (चाहे वह ऐसे आवेदन में या अन्यथा किया गया है) अध्याय १० के उपबंधों के अनुसार निपटाया जाएगा ।) का लोप किया गया ।