मोटर यान अधिनियम १९८८
अध्याय १२ :
दावा अधिकरण :
धारा १६५ :
दावा अधिकरण :
१) राज्य सरकार, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, एक या अधिक मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण (जिन्हें इस अध्याय में इसके पश्चात् दावा अधिकरण कहा गया है ) ऐसे क्षेत्र के लिए, जो अधिसूचना में विनिर्दिष्ट किया जाए, उन दुर्घटनाओं की बाबत प्रतिकर के दावों के न्यायनिर्णयन के प्रयोजन के लिए गठित कर सकेगी जिनमें मोटर यानों के उपयोग से व्यक्तियों की मृत्यु या उन्हें शारीरिक क्षति हुर्स है या पर-व्यक्ति की किसी संपत्ति को नुकसान हुआ है या दोनों बातें हुई हैं ।
स्पष्टीकरण- :
शंकाओं के निराकरण के लिए यह घोषित किया जाता है कि उन दुर्घटनाओं की बाबत प्रतिकर के दावों के न्यायनिर्णयन के प्रयोजन के लिए गठित कर सकेगी जिनमें मोटर यानों के उपयोग से व्यक्तियों की मृत्यु या उन्हें शारीरिक क्षति हुई है. पद के अंतर्गत १.(धारा १६४) के अधीन प्रतिकर के लिए दावे भी हैं ।
२)दावा अधिकरण उतने सदस्यों से मिलकर बनेगा जितने राज्य सरकार नियुक्त करना ठीक समझे और जहां वह दो या अधिक सदस्यों से मिलकर बनता है वहां उनमें से एक को उसका अध्यक्ष नियुक्त किया जाएगा ।
३)कोई व्यक्ति दावा अधिकरण के सदस्य के रूप में नियुक्ति के लिए तब तक अर्ह न होगा जब कि वह –
(a)क) उच्च न्यायालय का न्यायाधीश न हो या न रहा हो, या
(b)ख) जिला न्यायाधीश न हो या न रहा हो, या
(c)ग) उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में २.(या किसी जिला न्यायाधीश के रूप में ) नियुक्ति के लिए अर्हु न हो ।
४)जहां किसी क्षेत्र के लिए दो या अधिक दावा अधिकरण गठित किए गए है वहां राज्य सरकार, साधारण या विशेष आदेश द्वारा, उनमें कामकाज के वितरण का विनियमन कर सकेगी ।
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१. २०१९ का अधिनियम सं. ३२ की धारा ५२ द्वारा (१४० और धारा १६३ क ) शब्दों के स्थान पर प्रतिस्थापित ।
२. १९९४ के अधिनियम सं. ५४ की धारा ५२ द्वारा प्रतिस्थापित ।