मोटर यान अधिनियम १९८८
धारा १६४ :
१.(मृत्यु या घोर उपहति के मामले में प्रतिकर का संदाय :
१) इस अधिनियम या तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि में या विधि का बल रखने वाली लिखत में किसी बात के होते हुए, मोटर यान का स्वामी या प्रधिकृत बीमाकर्ता मोटर यान के उपयोग के कारण उदभूत दुर्घटना के कारण मृत्यु या घोर उपहति की दशा में, यथास्थिति, विधिक वारिसों या पीडित को, मृत्यु की दशा में पांच लाख रुपए या घोर उपहति की दशा में दो लाख पचास हजार रुपए की रकम का संदाय करने का दायी होगा ।
२) उपधारा (१) के अधीन प्रतिकर के लिए किसी दावे में, दावाकर्ता से यह अभिवाक या सिद्ध करने की अपेक्षा नहीं की जाएगी कि मृत्यु या स्थायी नि:शक्तता जिसकी बाबत दावा किया गया है यान के स्थायी या संबद्ध यान के या किसी अन्य व्यक्ति के किसी सदोष कार्य या उपेक्षा या व्यतिक्रम के कारण हुई थी ।
३) जहां मोटरयान के उपयोग के कारण हुई दुर्घटना के कारण मृत्यु या स्थायी नि:शक्तता की बाबत तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि के अधीन प्रतिकर का संदाय किया गया है, वहां प्रतिकर की ऐसी रकम इस धारा के अधीन संदेय प्रतिकर की रकम से घटा दी जाएगी ।)
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१. २०१९ का अधिनियम सं. ३२ की धारा ५१ द्वारा अध्याय ११ प्रतिस्थापित ।