मोटर यान अधिनियम १९८८
धारा १६४ख :
१.(मोटरयान दुर्घटना निधि :
१) केंद्रीय सरकार द्वारा मोटरयान दुर्घटना नामक निधि का गठन किया जाएगा, जिसमें निम्नलिखित जमा किया जाएगा –
(a)क) केंद्रीय सरकार द्वारा अधिसूचित तथा अनुमोदित प्रकृति का संदाय ;
(b)ख) केंद्रीय सरकार द्वारा निधि में किए गए कोई अनुदान या ऋृण;
(c)ग) धारा १६३ के अधीन विरचित स्कीम के अधीन सृजित निधि का अतिशेष, जैसा वह मोटर यान (संशोधन) अधिनियम, २०१९ के प्रारंभ से ठीक पूर्व विद्यमान था;
(d)घ) आय का कोई अन्य स्रोत, जो केंद्रीय सरकार द्वारा विहित किया जाए ।
२) भारत के राज्यक्षेत्र में सभी सडक उपयोक्ताओं को अनिवार्य बीमा कवर प्रदान करने के प्रयोजन के लिए निधि गठित की जाएगी ।
३) निधि का निम्नलिखित के लिए उपयोग किया जाएगा –
(a)क) केंद्रीय सरकार द्वारा धारा १६२ के अधीन विरचित स्कीम के अनुसार सडक दुर्घटनाओं में घायल व्यक्तियों का उपचार;
(b)ख) धारा १६१ के अधीन विरचित स्कीमों के अनुसार ऐसी सडक दुर्घटनाओं, जिनमें यान टक्कर मारकर भाग गया है, में मृतक व्यक्ति के प्रतिनिधियों को प्रतिकर;
(c)ग) धारा १६१ के अधीन विरचित स्कीमों के अनुसार ऐसी सडक दुर्घटनाओं, जिनमें यान टक्कर मारकर भाग गया है, में ऐसे व्यक्ति को प्रतिकर, जिसे घोर उपहति कारित हुई है;
(d)घ) ऐसे व्यक्तियों को प्रतिकर, जो केंद्रीय सरकार द्वारा विहित किए जाएं ।
४) अधिकतम दायित्व रकम, जिसे प्रत्येक मामले में संदत्त किया जा सकता है, वह होगी जो केंद्रीय सरकार द्वारा विहित की जाए ।
५) उपधारा (३) के खंड (क) में विनिर्दिष्ट सभी मामलों में जब ऐसे व्यक्तियों का दावा संदेय हो जाता है, जहां किसी व्यक्ति को रकम का संदाय इस निधि में से किया गया है वहां वही रकम बीमा कंपनी से ऐसे व्यक्ति द्वारा प्राप्त दावे से कटौती योग्य होगी ।
६) निधि का प्रबंध ऐसे प्राधिकारी या अभिकरण द्वारा किया जाएगा जो केंद्रीय सरकार निम्नलिखित को ध्यान में रखते हुए विनिर्दिष्ट करे –
(a)क) अभिरकरण के बीमा कारबार की जानकारी;
(b)ख) निधियों का प्रबंध करने की अभिकरण की क्षमता;
(c)ग) कोई अन्य मापदंड जो केंद्रीय सरकार द्वारा विहित किया जाए ।
७) केंद्रीय सरकार, समुचित लेखा और अन्य सुसंगत अभिलेख रखेगी और केंद्रीय सरकार, भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक के परामर्श से विहित किए जाने वाले प्ररुप में निधि के लेखाओं की एक वार्षिक विवरणी तैयार करेगी ।
८) निधि के लेखाओं की संपरीक्षा, भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक द्वारा ऐसे अंतरालों पर की जाएगी, जो उसके द्वारा विनिर्दिष्ट किए जाएं ।
९) भारत का नियंत्रक-महालेखापरीक्षक या उसके द्वारा इस अधिनियम के अधीन निधि के लेखाओं की संपरीक्षा के संबंध में नियुक्त किसी अन्य व्यक्ति के पास सरकारी लेखाओं की ऐसी संपरीक्षा के संबंध में वही अधिकार, विशेषाधिकार और प्राधिकार होगा और विशिष्ट रुप से उनके पास बहियों, लेखाओं, संबद्ध वाऊचरों, अन्य दस्तावेजों तथा कागजपत्रों को पेश करने की मांग करने और प्राधिकरण के किसी भी कार्यालय का निरीक्षण करने का अधिकार होगा ।
१०) भारत का नियंत्रक-महालेखापरिक्षक या उसके द्वारा इस अधिनियम के अधीन इस निमित्त नियुक्त किसी अन्य व्यक्ति द्वारा यथा प्रमाणित निधि के लेखाओं को उन पर संपरीक्षा रिपोर्ट के साथ वार्षिक रुप से केंद्रीय सरकार को अग्रेषित किया जाएगा और केंद्रीय सरकार उसे संसद् के प्रत्येक सदन के समक्ष रखवाएगी ।
११) धारा १६१ की उपधारा (३), जैसी वह मोटर यान (संशोधन) अधिनियम २०१९ के प्रारंभ से ठीक पूर्व विद्यमान थी, के अधीन विरचित किसी स्कीम को बंद किया जाएगा और इस अधिनियम के प्रारंभ की तारीख से उसके अधीन प्रोदभूत होने वाले सभी अधिकारों और दायित्वों की पूर्ति निधि में से की जाएगी ।)
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१. २०१९ का अधिनियम सं. ३२ की धारा ५१ द्वारा अध्याय ११ प्रतिस्थापित ।