मोटर यान अधिनियम १९८८
धारा १४७ :
१.(नीतियों की अपेक्षा और दायित्व की सीमाएं :
१) इस अध्याय की अपेक्षाओं का अनुपालन करने के लिए कोई बीमा पालिसी ऐसी पालिसी होनी चाहिए,-
(a)क) जो किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा जारी की गई है, जो कोई प्राधिकृत बीमाकर्ता है; और
(b)ख) जो पलिसी में विनिर्दिष्ट व्यक्ति या व्यक्तियों के वर्ग का बीमा निम्नलिखित के विरुद्ध करता है, –
एक) किसी ऐसे दायित्व के, जो उसके द्वारा किसी मोटर यान में सवारी करने वाले किसी व्यक्ति की, जिसके अंतर्गत मालों का स्वामी या उसका प्राधिकृत प्रतिनिधी भी है, मृत्यु या शारीरिक क्षति के संबंध में या सार्वजनिक स्थान पर मोयर यान के उपयोग से कारित या उससे उद्भूत होने वाले किसी पर-पक्षकार की संपत्ति को होने वाले नुकसार के संबंध में उपगत किया जाए ;
दो) किसी परिवहन यान के किसी यात्री, किसी माल यान के नि:शुल्क यात्री को छोडकर, की मृत्यु या शारीरिक क्षति के, जो सार्वजनिक स्थान पर मोटर यान के उपयोग से कारित या उससे उद्भूत हुई है ।
स्पष्टीकरण :
शंकाओं को दूर करने के लिए, यह स्पष्ट किया जाता है कि किसी व्यक्ति की मृत्यु या शारीरिक क्षति या किसी पर-पक्षकार की किसी संपत्ति को नुकसान किसी सार्वजनिक स्थान पर मोटर यान के उपयोग से, इस बात पर ध्यान न देते हुए कि ऐसा कोई व्यक्ति, जिसकी मृत्यु हुई है या जिसे शारीरिक क्षति पहुंची है या संपत्ति, जिसका नुकसान हुआ है, दुर्घटना के समय सार्वजनिक स्थान पर नहीं थे, कारित हुआ या उद्भूत हुआ समझा जाएगा, यदि ऐसा कारण या लोप, जिसके कारण दुर्घटना हुई थी, सार्वजनिक स्थान में कारित किया गया था ।
२) तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि में अंतर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी, किसी व्यक्ति की मृत्यु या उसे हुई घोर उपहति के संबंध में परपक्षकार बीमा के प्रयोजनों के लिए, केंद्रीय सरकार बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण के परामर्श से उपधारा (१) के अधीन किसी बीमा पालिसी के लिए एक आधारित प्रीमियम विहित करेगी और साथ ही ऐसे प्रीमीयम के संबंध में बीमाकर्ता के दायित्व को भी विहित करेगी ।
३) कोई पालिसी इस अध्याय के प्रयोजनों के लिए तब तक प्रभावी नहीं होगी, जब तक कि बीमाकर्ता द्वारा ऐसे व्यक्ति, जिसके द्वारा पालिसी ली गई है, के पक्ष में विहित प्ररुप में ऐसा बीमा प्रमाणपत्र जारी न कर दिया गया हो, जिसमें किसी ऐसी शर्त के संबंध में विहित विशिष्टियां अंतर्विष्ट हों, जिनके अधीन पालिसी जारी की गई है और उसमें अन्य विहित विषय भी अंतर्विष्ट होंगे; और भिन्न-भिन्न प्ररुप, विशिष्टियां और विषय विहित किए जा सकेंगे ।
४) इस अधिनियम में अंतर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी, मोटर यान (संशोधन) अधिनियम २०१९ के आरंभ से पूर्व जारी की गई कोई बीमा पालिसी संविदा के अधीन विद्यमान निबंधनों पर जारी बनी रहेगी और इस अधिनियम के उपबंध इस प्रकार लागू होंगे मानो यह अधिनियम उक्त अधिनियम द्वारा संशोधित नहीं किया गया है ।
५) जहां इस अध्याय या तद्धीन बनाए गए नियमों या विनियमों के उपबंधों के अधीन किसी बीमाकर्ता द्वारा कवर नोट जारी किए जाने के पश्चात् विनिर्दिष्ट समय के भीतर बीमा पालिसी जारी नहीं की जाती है, वहां बीमाकर्ता, कवर नोट की विधिमान्यता की अवधि के अवसान के सात दिन के भीतर इस तथ्य को रजिस्ट्रीकरण प्राधिकारी या ऐसे अन्य प्राधिकारी को, जिसे केंद्रीय सरकार विहित करे, अधिसूचित करेगा ।
६) तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि में अंतर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी, इस धारा के अधीन बीमा पालिसी जारी करने वाला कोई बीमाकर्ता, किसी ऐसे दायित्व के संबंध में, जो किसी व्यक्ति या व्यक्तियों के वर्गों की दशा में पालिसी के अंतर्गत आना तात्पर्यित है, पालिसी में विनिर्दिष्ट ऐसे व्यक्ति या व्यक्तियों के वर्ग की क्षतिपूर्ति करेगा ।)
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१. २०१९ का अधिनियम सं. ३२ की धारा ५१ द्वारा अध्याय ११ प्रतिस्थापित ।