मोटर यान अधिनियम १९८८
अध्याय ९ :
अस्थायी रूप से भारत से जाने या भारत मे आने वाले मोटर यान :
धारा १३९ :
केंद्रीय सरकार की नियम बनाने की शक्ति :
१) केंद्रीय सरकार राजपत्र में अधिसूचना द्वारा निम्नलिखित सभी प्रयोजनों या उनमें से किसी के लिए, नियम बना सकेगी , अर्थात् :-
(a)क) ऐसे व्यक्तियों को, जो भारत से अस्थायी रूप से भारत के बाहर किसी स्थान को मोटर यान ले जा रहे हैं, अथवा जो भारत से अस्थायी रूप से भारत के बाहर किसी स्थान को जा रहह हैं और जिनकी इच्छा भारत से अपनी अनुपस्थिति के दौरान मोटर यान चलाने की हैं, यात्रा पासों, प्रमाणपत्रों या प्राधिकार – पत्रों का दिया जाना और उनका अधिप्रमाणीकरण;
(b)ख) वे शर्ते विहित करना, जिनके अधीन भारत के बाहर से भारत में ऐसे व्यक्तियों द्वारा, जिनका भारत में अस्थायी रूप से ठहरने का इरादा है, अस्थायी रूप से लाए गए मोटर यान भारत में कब्जें में रखे जा सकेंगे और उनका उपयोग किया जा सकेगा; और
(c)ग) वे शर्तें विहित करना जिनके अधीन भारत में अस्थायी रूप से ठहरने के लिए भारत के बाहर के किसी स्थान से भारत में प्रवेश करने वाले व्यक्ति भारत में मोटर यान चला सकेंगे।
२) उन मोटर यानों की सेवाओं को सुगम और विनियमित करने के प्रयोजन के लिए, जो भारत और अन्य देश के बीच किसी पारस्परिक ठहराव के अधीन चल रही हैं, और जो यात्री या माल या दोनों का भाडे या पारिश्रमिक पर सडक द्वारा वहन करने हैं, केन्द्रीय सरकार निम्नलिखित सभी बातों या उनमें से किसी के लिए, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा,नियम बना सकेगी, अर्थात् :-
(a)क) वे शर्ते जिनके अधीन वे मोटर यान, जो ऐसी सेवाएं कर रहे हैं, भारत के बाहर से भारत में लाए जा सकेंगे और भारत में कब्जे में रखे जा सकेंगे और उनका उपयोग किया जा सकेगा ;
(b)ख) वे शर्ते जिनके अधीन मोटर यान भारत के किसी स्थान में भारत के बाहर किसी स्थान को ले जाए जा सकेंगे ;
(c)ग) वे शर्ते जिनके अधीन ऐसे मोटर यानों के ड्राइवरों और कंडक्टरों के रूप में नियोजित व्यक्ति भारत में आ सकेंगे या भारत से जा सकेंगे;
(d)घ) ऐसे मोटर यानों के ड्राइवरों और कंडक्टरों के रूप में नियोजित व्यक्तियों को यात्रा पासों, प्रमाणपत्रों या प्राधिकार-पत्रों का दिया जाना और उनका अधिप्रमाणीकरण;
(e)ड) ऐसे मोटर यानों पर प्रदर्शित की जाने वाली (रजिस्ट्रीकरण चिहनों से भिन्न) विशिष्टियां और वह रीति जिससे ऐसी विशिष्टियां प्रदर्शित की जानी हैं ;
(f)च) ऐसे मोटर यानों के साथ ट्रेलरों का उपयोग;
(g)छ) ऐसे मोटर यानों तथा उनके ड्राइवरों और कंडक्टरों को (उपधारा (४) में निर्दिष्ट से भिन्न) इस अधिनियम या इसके अधीन बनाए गए नियमों के सब या किन्हीं उपबंन्धों से छुट;
(h)ज) ऐसे मोटर यानों के ड्राइवरों और कंडक्टरों की पहचान;
(i)झ) खोए या विरूपित यात्रा पासों, प्रमाणपत्रों या प्राधिकार- पत्रों, परमिटों, अनुज्ञप्तियों या किन्हीं अन्य विहित दस्तावेजों का प्रतिस्थापन उतनी फीस देने पर किया जाना जितनी विहित की जाए;
(j)ञ) सीमाशुल्क, पुलिस या स्वास्थ्य से संबंधित सडक परिवहन सेवाओं को सुगम करने की दृष्टि से उन्हें ऐसी विधियों के उपबंधों से छुट;
(k)ट) कोई अन्य बात जो विहित की जानी है या की जाए ।
३)इस धारा के अधीन बनाया गया कोई नियम ऐसे प्रवर्तित न होगा कि उससे किसी व्यक्ति को किसी राज्य में कोई ऐसा कर देने से उन्मुक्ति मिल जाए जो उस राज्य में मोटर यानों या उनके उपयोपक्ताओं से उद्गृहीत किया जाता है ।
४)इस अधिनियम की या इसके अधीन राज्य सरकार द्वारा बनाए गए किसी नियम की कोई बात जो :-
(a)क) मोटर यानों के रजिस्ट्रीकरण और उनकी पहचान से संबंधित है, या
(b)ख) मोटर यानों के निर्माण, अनुरक्षण और उपस्कर की आवश्यकताओं से संबंधित है, या
(c)ग) मोटर यानों के ड्राइवरों और कडक्टरों के अनुज्ञापन तथा अर्हताओं से संबंधित है,
निम्नलिखित को लागू नहीं होगी, अर्थात् :-
१)ऐसा कोई मोटर यान जिसे या किसी मोटर यान का ऐसा ड्राइवर जिसे उपधारा (१) के खंड (ख) या खंड (ग) के अधीन या उपधारा (२) के अधीन बनाए गए नियम लागू हैं ;या
२)किसी मोटर यान का ऐसा कंडक्टर जिसे उपधारा (२) के अधीन बनाए गए नियम लागू हैं ।